UP News: एआईएसआईएस (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली (Shaukat Ali) के बयान पर बीजेपी (BJP) अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह उनका मानसिक दिवालियापन है. ऐसे लोगों को समाज में रहने की और समाज को इतनी बात कहने की आजादी नहीं होनी चाहिए. उनका ट्विटर (Twitter), फेसबुक (Facebook), सोशल मीडिया (Social Media) और इनको जो कार्यक्रमों में जाने की आजादी है उस पर सरकार को पाबंदी लगानी चाहिए. लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास करते हुए ऐसे लोगों को ना बुलाने के लिए सोचना पड़ेगा.


कुंवर बासित अली ने कहा कि जिस देश में गाय को माता कहते हो, नदियों को पूजते हो और औरत का नाम आदमी से पहले लिखा जाता हो. ऐसे औरतों को लेकर जो शौकत अली ने बातें कहीं हैं, वह समाज में रहने के लायक नहीं. उनको अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिए, किसी मेंटल हॉस्पिटल में एडमिट कर देना चाहिए. उनके खिलाफ हेट स्पीच के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए. उनकी बोलने की आजादी छीन ली जानी चाहिए. अल्पसंख्यक मोर्चे कि तरफ से एक पत्र लिखेंगे शासन को और कोशिश करेंगे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो.


शौकल अली को लेकर रखी ये मांग
गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे पर बासित अली ने कहा कि सरकार का यह कदम बच्चों के भविष्य के सुधार के लिए देखा जाना चाहिए. जो बच्चे ऐसे मदरसों में पढ़ते थे, उनका ना कोई भविष्य ना कोई डिग्री की वैल्यू, न पढ़ाने वालों की क्वालिटी, न सिलेबस. ऐसे मदरसों के ऊपर बच्चों का भविष्य खराब करने के जुर्म में उन्हें बंद करना चाहिए. शासन को नीतिगत निर्णय लेकर बच्चों को कहीं शिफ्ट करना चाहिए. ऐसे मदरसे बच्चों का भविष्य खराब कर रहे. मुसलमान बच्चों का जो फ्यूचर है उसके लिए ऐसा काम कर रहे हैं कि वह ना कोई अच्छा मौलाना बन पाता, ना इंजीनियर, ना डॉक्टर. वो सिर्फ अनपढ़ हो जाता है, उसका भविष्य खराब होता है. इसे लेकर हम अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री से मिलकर सुझाव देंगे. हम अपील करते हैं कि जो बड़े मौलाना है उनको भी इस पर सोचना चाहिए, उनका एक डेलिगेशन मंत्री से मिले.


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