UP News: भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने आवास विश्नोहरपुर में मीडिया के सवाल (बजरंग पूनिया ने कुश्ती को लेकर याचिका डाली है पर ) पर रविवार को जवाब दिया. पूर्व बीजेपी सांसद ने जवाब देते हुए कहा कि बजरंग पूनिया नहीं चाहते हैं कि नेशनल कुश्ती हो. वह कुश्ती को समाप्त कर देना चाहते हैं इसलिए याचिका डाल रहे हैं.


बजरंग पूनिया की याचिका पर पूर्व सांसद बृजभूषण का बड़ा बयान कि कहा यह लोग कुश्ती को बर्बाद करना चाहते हैं. इस वजह से बार-बार याचिका कर कुश्ती को बाधित कर रहे हैं. खेल रोकना को लेकर के बार-बार यह लोग हाईकोर्ट जा रहे हैं. कैसरगंज से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवान बजरंग पूनिया द्वारा भारतीय कुश्ती संघ को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर कहा कि देखिए यह कुश्ती का दुर्भाग्य है. आज 2 साल से लगातार यह लोग कुश्ती को बाधित कर रहे हैं. जब यह लोग धरने पर बैठे थे तब कहे थे कि हम कुश्ती को बचाने के लिए आए हैं और इसीलिए हम लोग धरना कर रहे हैं.


खेल को रोकने की कोशिश- पूर्व सांसद
पूर्व सांसद ने कहा कि देखने में लगातार आ रहा है कि कोई ना कोई याचिका यह हमेशा हाई कोर्ट में डालते हैं और खेल को रोकने की बात करते हैं. अभी बजरंग पूनिया ने अपने वकील के माध्यम से एक याचिका डाली है. उससे पहले साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादयान ने डाली थी. उन्होंने कहा, "वह टीम वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लें और मेडल लेकर के आए खिलाड़ी उसे टीम को भी सत्यव्रत की याचिका के माध्यम से रोकने का प्रयास किया गया था. लेकिन रास्ता निकाला गया खिलाड़ी वहां पर गए और कई मेडल लेकर के आए."


बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि नेशनल टूर्नामेंट एक सतत प्रक्रिया है क्योंकि नेशनल में पार्टिसिपेट जो बच्चे करते हैं. वह सर्टिफिकेट बच्चों की नौकरी में काम आता है. मान के चलिए की 700-800 बच्चे प्रतिभा करते हैं और यह सभी बच्चे नेशनल खिलाड़ी कहे जाते हैं. अब इसको रोकने के लिए भी बजरंग पूनिया की तरफ से एक याचिका दाखिल की गई है.


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संघ ही सिलेक्शन ट्रायल कर सकता है- पूर्व अध्यक्ष
उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया का कहना है कि भारतीय कुश्ती संघ नेशनल कुश्ती नहीं करा सकता पर उन्हें पता नहीं कि अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संगठन UWW सरकार के हस्ताक्षर को नहीं मानता है. वे केवल भारतीय कुश्ती संघ को मानते हैं. कुश्ती संघ ही नेशनल कर सकता है. कुश्ती संघ ही सिलेक्शन ट्रायल कर सकता है. कुश्ती संघ ही कहीं खेलने के लिए टीम भेज सकता है. यह अधिकार सरकार को भी नहीं है.


बता दें कि बजरंग पुनिया की याचिका पर हाईकोर्ट ने अगले महीने की डेट दे दी है. उनकी याचिका पर नेशनल होने से प्रतिबंध नहीं लगाया गया. लेकिन यह लोग हमेशा कुश्ती को रोकने का प्रयास करते हैं. इनको प्रयास करना चाहिए कि 2 साल से लड़कियों और लड़कों दोनों का जो कैंप नहीं चल रहा है वह कैंप चले. पूर्व सांसद ने कहा कि अगर आपको लखनऊ में कैंप होने से दिक्कत है तो महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान या कहीं भी कैंप लगवा दीजिए लेकिन ये कैंप क्यों नहीं लगने दे रहे हैं.