कानपुर: पुलिस की गिरफ्त से हिस्ट्रीशीटर को भगाने की मामले में भारतीय जनता पार्टी के नेता नारायण सिंह भदौरिया ने अब बेतुकी सफाई दी है. उसका कहना है कि, सादी वर्दी में होने के कारण वे पुलिस को पहचान नहीं सके. बता दें कि, बुधवार को शहर में बीजेपी नेता और उनके समर्थकों ने 25 हजार के इनामी बदमाश को पुलिस टीम पर हमला करते हुये छुड़ा लिया था. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. 


बीजेपी नेता का बहाना


वहीं, बीजेपी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुये नारायण सिंह को जिला मंत्री के पद से हटा दिया है. बीजेपी नेता नारायण सिंह ने वीडियो जारी करते हुये अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि, मुझे लगा कि गुंडे एक लड़के को उठाकर ले जा रहे हैं. जबकि वायरल वीडियो में साफ दिखा रहा है कि, पुलिस वाले वर्दी में थे और पुलिस की सरकारी जीप से आए थे. फिलहाल मनोज सिंह फरार है और बीजेपी नेता नारायण सिंह भदौरिया अंडरग्राउंड है. यही नहीं, वीडियो में खुद को बीजेपी नेता बताने के बजाए अब वकील और कानून का जानकार बता रहा है.  


ये था पूरा घटनाक्रम


बुधवार को हुई इस घटना के मुताबिक, कानपुर के नौबस्ता क्षेत्र के उस्मानपुर में बीजेपी के जिला मंत्री नारायण सिंह भदौरिया का जन्मदिन का समारोह एक गेस्टहाउस में चल रहा था. जन्मदिन की पार्टी में शहर का हिस्ट्रीशीर मनोज सिंह भी पहुंचा था. पुलिस के इसकी खबर मिली. इस पर पुलिस की टीम बीजेपी नेता के कार्यक्रम में पहुंची और वहां से हत्या के प्रयास में वांछित चल रहे बदमाश मनोज को गिरफ्तार कर अपने साथ ले जाने लगी. 


इस बात की जानकारी जैसे ही बीजेपी नेता नारायण सिंह को लगी तो वो अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और पुलिस टीम को घेर लिया और मनोज को ले जाने का विरोध करने लगे. इस दौरान पुलिस और बीजेपी नेता और उसके समर्थकों के बीच भिड़ंत हो गई. वहीं, कुछ लोगों ने जीप पर बैठे बदमाश को भगा दिया.


ये भी पढ़ें.


UP Class 12 Board Exam Cancelled: यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं रद्द, 100 साल में पहली बार हुआ ऐसा