UP Politics: क्या रद्द होगी सपा सांसद की सदस्यता? हाईकोर्ट में याचिका दायर
याचिका में पूर्व बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने दावा किया है कि निषाद ने गोरखपुर जिले के पिपराइच थाने और बड़हलगंज थाने में दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई है.
UP News: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पूर्व सांसद मेनका गांधी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर कर सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के सांसद राम भुआल निषाद के निर्वाचन को चुनौती दी है. बीते लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी को राम भुआल निषाद से 43,174 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने शनिवार को अदालत की रजिस्ट्री में चुनाव याचिका दायर की.
अब मेनका गांधी द्वारा दायर याचिका पर 30 जुलाई को सुनवाई हो सकती है. याचिका में मेनका गांधी ने आरोप लगाया कि निषाद ने हालिया लोकसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करते समय प्रस्तुत हलफनामे में अपने आपराधिक इतिहास से संबंधित जानकारी छिपाई थी. इसमें दावा किया गया कि निषाद के खिलाफ 12 आपराधिक मामले लंबित हैं, जबकि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में केवल आठ मामलों की जानकारी दी है.
याचिका में दावा किया गया है कि निषाद ने गोरखपुर जिले के पिपराइच थाने और बड़हलगंज थाने में दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाई है. याचिका में उच्च न्यायालय से निषाद के निर्वाचन को रद्द करने और मेनका गांधी को निर्वाचित उम्मीदवार घोषित करने का आग्रह किया गया है.
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किसे मिले थे कितने वोट
गौरतलब है कि राम भुआल निषाद का लंबे समय से मेनका गांधी विरोध करते रही हैं. लेकिन बीते चुनाव में सपा ने राम भुआल निषाद को अपना उम्मीदवार बना लिया था. इस चुनाव में सपा सांसद को 4,44,330 वोट मिले थे. जबकि मेनका गांधी को 4,01,156 वोट मिले थे और उन्हें 43,174 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.
हालांकि इससे पहले बीते दो चुनावों में इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. तब 2014 में बीजेपी के टिकट पर मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी ने बीएसपी उम्मीदवार पवन पांडे को हराया था. जबकि 2019 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर मेनका गांधी ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीएसपी के उम्मीदवार को हराया था.