UP News: बीजेपी सरकार के अफसरों के भ्रष्टाचार को लगातार उजागर करने वाले बीजेपी के रूधौली सीट के पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने एडीएम के करोड़ो गबन के मामले का खुलासा किया है. पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर नगरपालिका परिषद बस्ती में अमृत योजना के अन्तर्गत करोड़ों रूपयो के किये गये भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने का आग्रह किया है.


सीएम को भेजे पत्र में पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कहा है कि जनपद बस्ती में अमृत योजना के अन्तर्गत नगरपालिका बस्ती के 25 वार्डों में घर-घर जल पहुंचाने के लिए केंद्र की ओर से 40 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान हुई थी. इसकी कार्यदायी संस्था जल निगम थी. इस कार्य को जलकल के जे०ई० के देख-रेख में कराया जाना था.


पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने क्या कहा?


पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कहा है कि जलकल की जे०ई० अर्चना प्रसूति अवकाश पर नवंबर 2023 में 6 माह के लिए चली गई. इसी बीच तत्कालीन अपर जिलाधिकारी कमलेश, जल निगम के ई.ई. नगरपालिका के अधिकारियों की तरफ से इस कार्य में भ्रष्टाचार करने के लिए जलकल के जे०ई० का प्रभार जल निगम के जे०ई० राहुल को दे दिया गया. 


जिसमें जे०ई० राहुल सिंह, तत्कालीन अपर जिलाधिकारी कमलेश, नगरपालिका के अधिकारियों के मिली भगत से सरकारी धन का दुरुपयोग करके आधा-अधूरा गुणवत्ता विहीन काम कराकर पूरे पैसे का बंदर बांट कर लिया गया है. जलकल के जे०ई० के अवकाश से आने पहले आनन-फानन में 40 करोड़ के प्रोजेक्ट को बिना जांच करवाए ही हेंडओवर कर दिया गया.


जिला प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई?


अवकाश से आने के बाद जलकल के जे०ई० ने उक्त काम का निरीक्षण किया, जिसनें बहुत अनियमितताएं पाई गई. इसकी रिपोर्ट जिला अधिकारी बस्ती और अपर जिलाधिकारी बस्ती को दी गई परंतु जिला प्रशासन की तरफ से उस पर कोई कार्रवाई नहीं किया जा रहा है. शासनादेश के विरूद्ध जाकर तत्कालीन अपर जिलाधिकारी की तरफ से जल निगम के जे०ई० राहुल को जिले भर के समस्त नगर पंचायतों का इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, कार्यों को प्रभार दे दिया गया है.


पूर्व विधायक ने की ये मांग 


पूर्व विधायक ने मांग किया है कि कार्यो की जांच कराकर नगरपालिका परिषद बस्ती में अमृत योजना के अन्तर्गत करोड़ों रूपये के किये गये भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने के लिए संबंधित को आदेशित किया जाय. वहीं तत्कालीन एडीएम कमलेश चंद्र वाजपेई पर लगे आरोपों पर उनसे बात करने का काफी बार प्रयास किया गया मगर उनका नंबर नही लग सका. इस बारे में नगर पालिका के चेयरमैन प्रतिनिधि अंकुर वर्मा से भी बात करने का प्रयास विफल रहा.


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