Ayodhya News: रामचरितमानस को धार्मिक ग्रंथ घोषित करने की उठी मांग, बीजेपी नेता ने थाईलैंड का किया जिक्र
UP News: बीजेपी नेता शरद पाठक ने कहा कि थाईलैंड में हिंदुओं की आबादी 0.002 प्रतिशत है और वहां पर रामायण को राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा दिया गया है तो हमारे देश में यह दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है.
Ayodhya News: अयोध्या (Ayodhya) में रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए हर कोई मांग कर रहा है. पहले रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने मांग की और कहा कि रामचरितमानस को धार्मिक ग्रंथ घोषित किया जाए. वहीं रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इकबाल अंसारी की मांग का समर्थन किया.
अब राष्ट्रीय प्रमुख मित्र मंच और वरिष्ठ बीजेपी नेता शरद पाठक ने कहा कि हमने रामचरितमानस को धार्मिक ग्रंथ घोषित कराने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है. बीजेपी नेता शरद पाठक ने कहा कि हमारे ग्रंथ जैसे रामचरितमानस, रामायण और श्रीमद्भागवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए, क्योंकि हिंदुस्तान में करोड़ों सनातनी और हिंदुओं के रहने के बाद आबादी 80% से ज्यादा है, फिर भी हम अपने धर्म और ग्रंथों को राष्ट्रीय दर्जा नहीं दिला पा रहे हैं.
बीजेपी नेता शरद पाठक ने कहा कि थाईलैंड में हिंदुओं की आबादी 0.002 प्रतिशत है और वहां पर रामायण को राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा दिया गया है तो हमारे देश में रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा क्यों नहीं दिया जा रहा है. इसको लेकर हम हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और जनता के बीच में जन जागरण करेंगे.
'सरकार को इस पर करना चाहिए विचार'
रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने के लिए पहले भी मांग उठ चुकी है लेकिन अब हाल ही में बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने सरकार से मांग की है कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए और उनकी मांग का अयोध्या के साधु-संत समेत सभी लोगों ने समर्थन किया और कहा कि जब एक मुस्लिम सनातन धर्म को मानने वाला अगर रामचरितमानस को धार्मिक ग्रंथ घोषित करने की मांग कर रहा तो सरकार को कहीं ना कहीं इस पर विचार करना चाहिए.
बीजेपी नेता शरद पाठक ने कहा कि हिंदुस्तान में करोड़ों सनातनी और हिंदुओं के रहने के बाद यहां की आबादी 80 प्रतिशत से भी ज्यादा है. हम यहां पर अपने धर्म और अपने ग्रंथो को राष्ट्रीय दर्जा नहीं दिला पाये है. इसके लिए हमने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर मांग की है कि हमारे ग्रंथ रामचरितमानस, रामायण और श्रीमद्भाभगवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए जिससे सनातन धर्म के लोगों के अंदर एक उत्साह पैदा हो.
यह भी पढ़ें:-