UP News: कहते हैं की राजनीति में किसी बात को गले से नहीं लगाया जाता है और पर्दे पर दिखाई देने वाले सियासी खेल में एक पहलू परदे के पीछे भी होता है जो आम लोगों को नहीं दिखाया देता. जिसे राजनीति के मंच पर सियासी अदाकारी के साथ तैयार किया जाता है. अब इस खेल को शिष्टाचार का नाम दिया जा रहा है क्योंकि मंचों से एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ ऐसे ऐसे कटाक्ष होते हैं जो इस बात के संदेश दे रहे होते हैं कि यहां अब रिश्तों की कोई गुंजाइश नहीं है. ऐसे ही यूपी के पूर्व मंत्री की तस्वीर सपा मुखिया अखिलेश यादव के साथ वायरल हुई है जो सियासी सरगर्मियां बढ़ा रही है.


सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवकुमार बेरिया, सपा में अपना एक अलग कद बनाए हुए थे और चाचा शिवपाल के बेहद करीबी भी कहे जाते थे. लेकिन 2022 विधान सभा चुनाव से पहले ही अपने कद को कम देख शिवकुमार बेरिया ने सपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. सपा को विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा झटका दे दिया था.


लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने उनके बगावती नेता शिवकुमार बेरिया पहुंचे थे. यूं तो सपा छोड़ने के बाद बेरिया ने सपा को कई बार कोसा और सपा में जमीनी नेताओं की कद्र न होने की बात भी कही थी, लेकिन शुक्रवार को भगवा धारण किए सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री ने फिर से अखिलेश यादव के साथ मुलाकात कर राजनीति गर्म कर दी है.




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शिष्टाचार मुलाकात के कयास
वैसे तो राजनीति में बाहरी दिखावे में सब एक दूसरे के प्रतिद्वंदी और विरोधी दिखाई देते हैं. लेकिन राजनीति में निजी हित का लालच राजनीति के सिंहासन को कब हिला दे कहा नहीं जा सकता है. हालांकि पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवकुमार बेरिया वैसे तो बीजेपी के साथ हैं लेकिन लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद तस्वीर कई सियासी समीकरण को बनते और बिगड़ते दिखा रही है.


बेरिया ने इस मुलाकात को महज शिष्टाचार मुलाकात का नाम दिया है और कहा है कि अखिलेश से यूं के पुराने संबंध हैं. वो कभी-कभी उनसे मुलाकात कर लेते हैं. बेरिया ने बीजेपी छोड़ने और सपा में फिर वापसी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कोई बदलाव होगा तो समय रहते बता दिया आजाएगा. लेकिन बेरिया की ये शिष्टाचार मुलाकात कहीं लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को भारी न पड़ जाए.