सुषमा स्वराज का निधन, 370 खत्म करने पर किया था ट्वीट- इसी दिन का इंतजार था
भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का निधन हो गया है। इससे पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ने पर इलाज के दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एबीपी गंगा। भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का निधन हो गया है। इससे पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ने पर इलाज के दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि जब उन्हें अस्पताल लाया गया तो वे अचेत थीं। फिलहाल, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और नितिन गडकरी अस्पताल पहुंच चुके हैं। सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में हुआ था। उनका राजनीतिक सफर 1977 में शुरू हुआ था।
बता दें कि पिछले कुछ सालों से उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही थी। 2016 में एम्स में ही उनका किडनी प्रतिरोपण हुआ था। बुधवार सुबह 9 बजे से उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
गौरतलब है कि सुषमा स्वराज ने शाम को ही धारा 370 हटाए जाने का बिल पारित होने पर ट्वीट किया था। उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी। सुषमा ने लिखा था कि वह इसी दिन का इंतजार कर रही थीं।
इस बार नहीं लड़ी थीं लोकसभा चुनाव बता दें कि पिछली मोदी सरकार में विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था। उन्होंने इसके लिए स्वास्थ्य कारणों का ही हवाला दिया था। सुषमा ने कहा था कि वह राजनीति से रिटायर नहीं हो रहीं बल्कि सिर्फ चुनाव नहीं लड़ेंगी।
पीएम मोदी बोले- चमकता अध्याय खत्म सुषमा स्वराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया। पीएम मोदी ने लिखा, 'भारतीय राजनीति के चमकते अध्याय का अंत हो गया है।' विपक्षी पार्टी ने कांग्रेस ने सुषमा स्वराज के निधन पर ट्वीट कर दुख जताया। कांग्रेस के अलावा भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके निधन पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया। इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उनके निधन पर ट्वीट किया।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर सुषमा ने अखिल भारतीय विद्यार्धी परिषद् से 1970 में इंदिरा गांधी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करके छात्र नेता के रूप में अपने राजनितिक कैरियर की शुरुआत की। 1975 में स्वराज कौशल से उनकी शादी हो गई। सुषमा 1977-82 और 87-90 तक हरियाणा विधानसभा की सदस्य रहीं। देवीलाल की सरकार में जनता पार्टी की विधायक के तौर पर वो श्रम और रोजगार मंत्री(1977 -1979) रही। श्रम और रोजगार मंत्री बनने वक़्त उनकी उम्र 25 वर्ष थी और वो देश के इतिहास में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री थी। 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर लिया। देवीलाल के नेतृत्व में भाजपा-लोकदल की गठबंधन सरकार में सुषमा शिक्षा और खाद्य और सप्लाई (1987-1990) मंत्री बनी। तीन बार विधायक रहने के बाद जब सुषमा ने लोकसभा के लिए कदम बढ़ाया तो लगातार तीन बार 1980, 1984 और 1989 में उन्हें करनाल (हरियाणा) से हार का सामना करना पड़ा। 1990 में वो राज्यसभा के लिए नामित हुई।Sushma Ji’s demise is a personal loss. She will be remembered fondly for everything that she’s done for India. My thoughts are with her family, supporters and admirers in this very unfortunate hour. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2019