लखनऊ. मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर बीजेपी किसी भी तरह के जश्न समारोह का आयोजन नहीं करेगी. कोरोना की दूसरी लहर के बीच बीजेपी यूपी में तीन दिनों तक सेवा कार्य करेगी. प्रदेश के 20 हजार से ज्यादा गांवों में पार्टी के विधायक, सांसद और पदाधिकारी जाएंगे और सेवा कार्य करेंगे. हालांकि इसके जरिए कहीं ना कहीं बीजेपी की तैयारी आने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में जमीन तैयार करना भी है.


हाल ही में पंचायत चुनाव के नतीजों में बीजेपी को नंबर दो पर संतोष करना पड़ा. पूरे प्रदेश में बीजेपी को उम्मीद से काफी कम सीटें मिली. हार के कारणों की समीक्षा में पता चला कि कोरोना के चलते चुनाव के दौरान पार्टी के विधायक, सांसद गांव तक जा ही नहीं पाए जिसका खामियाजा इन चुनाव में पार्टी को भुगतना पड़ा. अब जब यूपी में ग्राम पंचायतों का गठन हो चुका है. सभी ग्राम सभाओं में प्रधान और पंच शपथ भी ले चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव को लेकर हलचल बढ़ने वाली है.


तीन दिवसीय होगा कार्यक्रम
बीजेपी ने अपनी तैयारी शुरू भी कर दी है. पार्टी लगातार ऐसे उम्मीदवारों के चयन में जुटी है जो इन चुनाव को जीतने का दमखम रखते हैं. उम्मीदवार चयन को लेकर बैठक भी हो चुकी है, लेकिन पिछली बार की गलती बीजेपी इस बार नहीं दोहराना चाहती. इसीलिए बीजेपी प्रदेशभर में तीन दिनों तक 20 हजार गांवों में विशेष अभियान चलाने जा रही है. अभियान के तहत विधायक, सांसद व बड़े पदाधिकारी गांव में जाएंगे. 27 मई से लेकर 29 मई तक में सेवा कार्य गांव में किए जाएंगे.


दरअसल, बीजेपी की कोशिश है कि एक पंथ दो काज किया जाए केंद्र सरकार के कामकाज को जनता तक भी पहुंचाया जाए और दूसरा जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के लिए होने वाले चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल भी बनाया जाए. इस सेवा कार्य कार्यक्रम को लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर सबको निर्देशित भी किया है.


27 मई से लेकर 29 मई तक पूरे प्रदेश में बीजेपी के कार्यकर्ता रक्तदान शिविर भी लगाएंगे और रक्तदान भी करेंगे साथ ही साथ सरकार के मंत्रियों को भी 2-2 गांव में सेवा कार्य करने के लिए कहा गया है. कोविड के कारण इसमें ऑनलाइन शामिल होने को कहा गया है. हालांकि कैबिनेट मंत्री सतीश महाना का कहना है कि इस सेवा कार्य कार्यक्रम का इन चुनाव से कुछ भी लेना देना नहीं है.


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