Akhilesh Yadav Remark on PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी दौरे को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक बयान दिया है जिसको लेकर अब बवाल मच गया है. दरअसल अखिलेश यादव ने बयान दिया है कि अंतिम समय पर काशी से अच्छी जगह कोई और नहीं है, इसलिए प्रधानमंत्री को एक महीने के बजाय तीन महीने तक बनारस में रहना चाहिए. उनके इसी बयान को लेकर बीजेपी के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.


'माफी मांगे अखिलेश'


केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा एक व्यक्ति का अंत हो जाए, ऐसा बोलना, यह अखिलेश की मानसिकता को दिखाता है. अखिलेश को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वो सच्चे हिंदू हैं तो उन्हें काशी के नए रूप का स्वागत करना चाहिए. राजनीति एक अलग चीज है. उन्हें इसका स्वागत करना चाहिए और अगर स्वागत नहीं करना तो चुप रहना चाहिए. केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कही कि किसी भी व्यक्ति से कितना भी मतभेद हो लेकिन उसके अंतिम क्षण के बारे में ऐसा नहीं बोलना चाहिए. इससे उनकी मानसिकता पता चलती है. उनका बयान निर्दयता और क्रूरता को दर्शाता है, अखिलेश डर कर ईर्ष्या में ऐसा बोल रहे हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए


'औरंगजेब के साथ खड़े हैं अखिलेश?'


बता दें कि अखिलेश के इस बयान को लेकर केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि पीएम मोदी को लेकर अखिलेश का बयान निंदनीय है और यह अखिलेश की वही मानसिकता दिखाता है क्योंकि इन लोगों ने राम मंदिर के वक्त गोलियां चलाई थी. तारीफ नहीं कर रहे तो क्या अखिलेश औरंगजेब के साथ खड़े हैं? जब राम मंदिर बन रहा था तब इन्होंने कार सेवकों पर गोलियां चलवाई थीं. काशी के भव्य स्वरूप का उनको स्वागत करना चाहिए. औरंगजेब ने काशी का रूप बिगाड़ा था. काशी की तारीफ न करके क्या वह औरंगजेब के साथ खड़े हैं?


'अखिलेश यादव का यह बयान शर्मनाक'


वहीं बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि अखिलेश यादव की टिप्पणी का जवाब आने वाले चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता देगी. ये अपमानजनक और निचले स्तर की टिप्पणी है. काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनरुद्धार का काम हुआ है, इसका श्रेय PM को जाता है. मामले पर बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि अखिलेश यादव का यह बयान शर्मनाक है. आज जब विश्वनाथ धाम के संवर्धन का इतना विशिष्ट काम हुआ, तब प्रधानमंत्री के लिए मृत्यु की इच्छा जताना उनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि अखिलेश चुनाव में दिख रही हार से बौखलाए हैं और अपना संतुलन खो बैठे हैं.


यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि जो भारतीय संस्कृति से प्रेरित होते हैं वो अपने दुश्मनों का भी बुरा नहीं सोचते, लेकिन जो जिन्ना संस्कृति से प्रेरित होता है वही इस प्रकार की भाषा बोल सकते हैं, तो अखिलेश जी के बारे में अब क्या बोलें, वो तो जिन्ना संस्कृति से ही प्रेरित हैं. 


'जिन्ना की मूर्ति का लोकार्पण होता तो घर-घर मिठाई बांटते अखिलेश'


यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा है कि काशी का ऐसा भव्य रूप देख कर अखिलेश यादव बौखला गए हैं. अगर कहीं जिन्ना की मूर्ति का लोकार्पण होता तो वह खुशी से झूम उठते और घर-घर मिठाई बांटते.


पार्टी नेता महेन्द्र सिंह ने कहा कि एक तरफ आज पूरा देश काशी विश्वनाथ धाम का भव्य रूप देखकर प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ जिन्नावादी मानसिकता से ओतप्रोत अखिलेश ये सब देखकर इतना बौखला गए हैं कि पीएम मोदी के लिए ऐसा घटिया बयान दे डाला. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को जनता इसका जवाब जरूर देगी. प्रदेश पार्टी अध्यक्ष ने काशी धाम के नवीन स्वरूप के उद्घाटन के बाद जारी बयान में कहा कि आज का दिन पावन पवित्र काशी के लिए, पूरे भारत के लिए, भारतीय संस्कृति के लिए एवं देश की गौरवशाली परंपरा के लिए एक युगांतरकारी दिन है. उन्होंने कहा कि दुनिया इस महान अवसर गवाह बनी. हर देशवासी अभिभूत हुआ.


वहीं अखिलेश यादव के बयान पर एतराज जताते हुए केंद्रीय मंत्री और चंदौली से सांसद महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा है कि उत्सव के मौके पर इस तरह की बयानबाजी करने के बाद उन्हें अब प्रायश्चित करना चाहिए, लोगों से माफी मांगनी चाहिए और खुद काशी आकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कॉरिडोर बनने के बाद काशी तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा.


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