Lok Sabha Election 2024: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके है.अब परिणाम आने का इंतजार करा जा रहा है. लेकिन परिणाम आने से पूर्व ही बीजेपी में आपसी मनमुटाव सामने आने लगा है. उत्तराखंड में सबसे कम मतदान अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर हुआ. यहां रानीखेत विधायक और दर्जाधारी मंत्री के बीच सिर फुटव्वल की नौबत आन पड़ी है. मंत्री विधायक पर और विधायक मंत्री पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के शामिल होने का आरोप लगा रहे है. बात अब हाई कमान तक जा पहुंची है. दोनों एक दूसरे के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे है.


जानकारी के अनुसार अल्मोड़ा संसदीय सीट पर भतरौंजखान में एक प्रधान और विधायक के भाई-भतीजे के बीच हुए विवाद के बाद उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत और विधायक प्रमोद नैनवाल आमने-सामने आ गए हैं. मंगलवार को सीम क्षेत्र के प्रधान संदीप खुल्बे ने विधायक के भाई सतीश नैनवाल और भांजे संदीप बधानी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए भजरौंजखान थाने में तहरीर दी थी.


इधर, सतीश नैनवाल ने और संदीप बधानी ने भी प्रधान पर गाली गलौज और मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. विधायक के भाई के खिलाफ केस दर्ज नहीं होने पर अगले दिन प्रधान के पक्ष में राज्य सरकार में दर्जा मंत्री कैलाश पंत अपने समर्थकों के साथ थाने मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे इधर, दूसरे पक्ष के समर्थक भी थाने पहुंचे, जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है,


मतदान होते ही विवाद हुआ शुरु
लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान होते ही भाजपा में भीतरघात की बात खुलकर सामने आने लगी है.अल्मोड़ा लोकसभा की रानीखेत विधानसभा से  विधायक प्रमोद नैनवाल और उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत के बीच तलवारें खिंच गई है. दोनो एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे है लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान होते ही भाजपा की अंदरूनी कलह और भीतरघात की बात खुलकर सामने आ गई है.अल्मोड़ा जिले के रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल और उत्तराखंड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष (दर्जाधारी) कैलाश पंत के बीच तलवारें खिंच गई है.


दोनों ने एक-दूसरे पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए हाईकमान से कार्रवाई की मांग की है, भाजपा के मजबूत संगठन होने के दावों के बीच अल्मोड़ा सीट पर सबसे कम मतदान हुआ है इसके बावजूद भाजपा लगातार प्रदेश की सभी सीटें जीतने का दावा कर रही है, हर मंच पर संगठन को मजबूत दिखाने की कोशिश की जा रही है मगर इन दावों की पोल उनकी ही पार्टी के विधायक और दर्जा मंत्री ने एक दूसरे खिलाफ बयानबाजी कर खोल दी है.


क्या बोले प्रमोद नैनवाल
इस विषय पर रानीखेत विधायक से बात की गई तो उन्होंने बताया की कैलाश पंत हमेशा पार्टी विरोधी नीतियों में शामिल रहे है. वह विधानसभा चुनाव में टिकट की चाह रख रहे थे. टिकट नहीं मिला तो उन्होंने मेरे और पार्टी के खिलाफ कार्य किया. भतरौंजखान थाने में भी वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे. साफ है कि इस लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया है. इन्हें पार्टी से निष्कासित कर दायित्व से हटाना चाहिए. प्रधान भी मेरा विरोधी रहा है. कई बार वह मुझे गाली गलौज कर चुका है.पहले मेरे भाई और भांजे ने इसके खिलाफ थाने में तहरीर दी थी.


वही विधायक के आरोपों पर राज्य सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री कैलाश पंत ने कहा की विधायक 2017 में संगठन की नीतियों के उलट पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरोध में निर्दलीय चुनाव लड़े. बेतालघाट में उन्होंने अपनी बहन को ब्लॉक प्रमुख पद के लिए पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विपक्ष में उतारा. इस बार भी ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में उनकी पत्नी ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया. लोकसभा चुनाव में भी यह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. क्षेत्र में अराजकता फैलाकर वह पार्टी का नाम बदनाम कर रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. 


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