UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) बीजेपी (BJP) का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? इन दिनों प्रदेश में सबसे बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आजमगढ़ (Azamgarh) और रामपुर (Rampur)  उपचुनाव (By-Election) के तुरंत बाद यूपी में बीजेपी के नए अध्यक्ष की घोषणा की जा सकती है. वहीं बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए कई नाम सुर्खियों में हैं.


वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने विधानसभा में बीजेपी के जीत दोहराने के बाद कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली और उसके बाद से यह चर्चा तेज हो गई कि जल्दी यूपी बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने वाला है. हालांकि 3 महीने का वक्त गुजर गया लेकिन अभी तक नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हुई है. चूंकि बीजेपी एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर चलती है और इसलिए माना जा रहा है कि इसी महीने यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी. 


ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेल सकती है बीजेपी


चर्चा तो इस बात की भी है कि एक बार फिर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भी ब्राह्मण चेहरे पर ही पार्टी दांव लगा सकती है. इसमें सबसे ऊपर पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा का नाम है. हाल ही में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई को भी रेस में शामिल माना जा रहा है. दरअसल बूथ कमेटी की बैठक में राज्यसभा के सदस्यों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन लक्ष्मीकांत बाजपेई को उससे अलग रखा गया. जबकि कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक और केंद्रीय पदाधिकारी हरीश द्विवेदी के नाम को लेकर भी चर्चा काफी तेज है.


क्या दलित नेता होंगे बीजेपी का चेहरा?


हालांकि चर्चा इस बात की भी है कि इस बार पार्टी किसी दलित चेहरे पर दांव आजमा सकती है. केंद्र सरकार के किसी मंत्री को ये जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.इसमें भी भानु प्रताप वर्मा, एसपी सिंह बघेल और ओबीसी चेहरे के तौर पर बी एल वर्मा का नाम काफी चर्चा में है. वहीं इस बार विधानसभा चुनाव में जिस तरीके से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों ने बीजेपी को भरपूर समर्थन दिया उसके चलते संभावना इस बात की भी है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले किसी जाट नेता को इस बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है और उसमें प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी और संजीव बालियान का भी नाम शामिल है. हालांकि पार्टी के प्रवक्ता साफ तौर पर कह रहे हैं कि प्रदेश अध्यक्ष के लिए बीजेपी किसी जाति धर्म या क्षेत्र को नहीं देखती है बल्कि कार्यकर्ता की मेहनत और उसके लग्न को ध्यान में रखा जाता है. 


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ये नाम भी हैं चर्चा में


इसके अलावा कुछ और भी नाम है जो अध्यक्ष की रेस में शामिल है जिसमें एमएलसी, पूर्व मंत्री और सांसद हैं.  दूसरी बार एमएलसी चुने गए और काशी क्षेत्र से आने वाले लक्ष्मण आचार्य, एमएलसी विद्यासागर सोनकर और कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर का भी नाम चर्चा में है. हाल ही में राज्यसभा के निर्वाचित बाबूराम निषाद और पूर्व परिवहन मंत्री अशोक कटारिया भी इस पद के दावेदार माने जा रहे हैं.


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