लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी लल्लू सिंह के हारने के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.हनुमानगढ़ी के महंत और डीएम नीतीश कुमार के बीच कथित विवाद के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने सवाल उठाए हैं. एक बार फिर प्रशासन की ओर उंगली उठी है.


पूर्व सांसद और राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख चेहरे रामविलास वेदांती ने ABP News से कहा कि  "अयोध्या का प्रशासन भाजपा के खिलाफ था. अयोध्या का प्रशासन नहीं चाहता था कि भाजपा चुनाव जीते. संत लोग खून के आंसू रो रहे थे.


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उन्होंने दावा किया कि साधु महात्मा लोग बड़ी मुश्किल से अपने आश्रम में जा पाए थे. हमारे जैसे व्यक्ति को रोका गया. मैंने डीएम से बात किया तो डीएम ने कहा वेदांती जी आप मुझे धमकी दे रहे हैं? डीएम ने अपशब्दों से राजू दास का, संत समाज का और हिंदुत्व का बहुत बड़ा नुकसान किया है.  ऐसे शब्दों का प्रयोग अयोध्या के डीएम को नहीं करना चाहिए.


वेदांती ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कभी इस संबंध में हमारी बात सुनी ही नहीं. कोई कहने का प्रयास भी किया तो नहीं सुने. अयोध्या के लोग अपने घर में अपने मंदिर में नहीं जा पा रहे थे. उनमें भयंकर आक्रोश था.


राजूदास के साथ क्या विवाद हुआ था?
इससे पहले हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास और डीएम के बीच कथित विवाद हो गया था. बीजेपी सूत्रों के अनुसार बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी की मौजूदगी में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें महंत राजू दास भी मौजूद थे. अयोध्या के जिलाधिकारी (डीएम) नीतीश कुमार और वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राज करण नैयर को भी मंत्रियों ने कुछ जानकारी के लिए बुलाया था.


बैठक के दौरान महंत राजू दास ने कथित तौर पर डीएम और एसएसपी के खिलाफ विवादित बयान दिया और अयोध्या में भाजपा की हार के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया. सूत्रों के अनुसार राजू दास के आरोप से अधिकारी नाराज हो गए और उनके साथ बैठने से इनकार कर दिया. इसके बाद उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी.