(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Politics: कांग्रेस को इस बड़े मुद्दे पर मिला अखिलेश का साथ? बीजेपी को लेकर नरेश उत्तम पटेल ने दिया ये बयान
UP News: बीजेपी ने महा जनसंपर्क अभियान के दौरान इमरजेंसी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाने के लिए 25 जून की तारीख तय की है. 25 जून 1975 को ही देश में कांग्रेस सरकार ने आपातकाल की घोषणा की थी.
BJP Maha Sampark Abhiyan: कांग्रेस (Congress) सहित दूसरी विपक्षी पार्टियां अक्सर ही बीजेपी सरकार (BJP Government) को लेकर यह बयान देती हैं कि वर्तमान समय में देश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात हैं. वहीं बीजेपी ने अब इन आरोपों का जवाब कांग्रेस के शासनकाल में लगी इमरजेंसी की तस्वीर लोगों को दिखाकर देने की रणनीति बनाई है. बीजेपी अपने महा जनसंपर्क अभियान के दौरान 25 जून को देश भर में कांग्रेस शासनकाल में लागू हुई इमरजेंसी पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाएगी.
बीजेपी ने इस फिल्म को दिखाने के लिए 25 जून की तारीख इसलिए तय की है क्योंकि इसी दिन सन 1975 को देश में कांग्रेस की सरकार ने इमरजेंसी घोषित की थी. बीजेपी जहां-जहां इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को दिखाएगी, वहां खासतौर से उन लोगों को इकट्ठा किया जाएगा, जिनका जन्म 25 जून 1975 के बाद हुआ है. इसकी वजह ये है कि इन लोगों ने देश में इमरजेंसी के हालात नहीं देखे. इसके अलावा उन लोगों को भी कार्यक्रम में बुलाने की तैयारी है, जिन्होंने देश में आपातकाल का वक्त देखा है.
बीजेपी देना चाहती है ये संदेश
ऐसे लोगों से दूसरों को इमरजेंसी के वक्त के आंखों देखे हालात बताए जाएंगे. असल में बीजेपी लोगों को यह संदेश देना चाहती है कि इमरजेंसी होती क्या है. बीजेपी की कोशिश यह होगी कि लोगों को बताया जाए कि कैसे कांग्रेस के शासनकाल में जब आपातकाल लगाया गया तो किन परेशानियों का सामना करना पड़ा, किस तरह से उनकी आजादी छीनी गई.
इसी समय तो सच्चा लोकतंत्र- केशव प्रसाद मौर्य
वहीं इसे लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस समय आपातकाल कहां है. इसी समय तो सच्चा लोकतंत्र है, जो एक परिवार तंत्र को लोकतंत्र समझने की कोशिश करते थे, उसका जवाब जनता ने दे दिया. 25 जून को इमरजेंसी के दिन की शुरुआत थी. वह दृश्य आपने नही देखा. उन्होंने कहा, "मेरी उम्र भी 6 साल थी, मैं 1969 में पैदा हुआ, जो लोग उस समय सक्रिय समाज में रहे, राजनीति में रहे, प्रेस में रहे, पूरा दृश्य उस समय का देखेंगे तो लोकतंत्र को बंधक बनाने का काम, आपातकाल थोपने का काम कांग्रेस ने किया है. कोर्ट के फैसले के खिलाफ किया था. भारत में सच्चा लोकतंत्र आज है. आज जो गरीब किसान का विकास हो रहा, सब का उत्थान हो रहा, यह सारे विरोधी दलों को बर्दाश्त नहीं हो रहा इसलिए अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं."
'देश का बंटवारा कांग्रेस ने किया'
इसके अलावा बीजेपी के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य ने कहा कि कांग्रेस को ये नहीं पता किसने कुठाराघात किए हैं? आपातकाल किसने लगाया था कांग्रेस ने, कांग्रेस ने देश के साहित्यकार, पत्रकार, नेता उन सब को जेल में ठूंस दिया. लोकतंत्र से चुनी हुई सरकारों को विखंडित करने का काम किया. यह कांग्रेसी कहीं भी मुंह दिखाने के लायक नहीं है इसलिए जनता के सामने इन सारी बातों को बीजेपी उजागर कर रही है. जनता उन्हें नेस्तनाबूद कर रही है इसलिए वह घबराए हैं.
अमरपाल मौर्य ने आगे कहा कि देश को जानना चाहिए, नौजवानों को जानने का अधिकार है कि इन कांग्रेसियों ने देश के अंदर कितने अत्याचार किए हैं और किन-किन लोगों ने उसे झेला है. तब मेरा भी जन्म नहीं हुआ था लेकिन मुझे कांग्रेस के कारनामे क्या पता नहीं होने चाहिए? देश का बंटवारा कांग्रेस ने किया, जम्मू कश्मीर का मुद्दा उनकी देन है, वह पूरे देश ने झेला, जो लोग आपातकाल के समय रहे, जिन्होंने उस दर्द को झेला है, वह लोग भी हमारे कार्यक्रम में शामिल होंगे और जो नई पीढ़ी है, उसको भी पता होना चाहिए कि इन कांग्रेसियों ने देश के साथ, भारत माता के साथ में किस प्रकार का व्यवहार किया है. यह देश के सामने उजागर होना चाहिए.
वह एक समय था जो बीत गया- अराधना मिश्रा
दूसरी तरफ बीजेपी की इस तैयारी पर सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधना मिश्रा ने कहा जो आपातकाल इनको याद आ रहा है, वह एक समय था जो बीत गया. इनको इसलिए याद आ रही, इसलिए फिल्म अब बनी क्योंकि बीजेपी को पता है कि अघोषित इमरजेंसी जो उनके समय में लगी है. पहले बात कुछ लोगों तक सीमित थी लेकिन आज जनता यह बात कह रही है, जिस तरह से सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स के छापे पहले बड़े लोगों पर पड़ते थे, फिर राजनेताओं और बिजनेस हाउस पर पड़ते थे, अब छोटे लोगों पर भी पड़ने लगे हैं. आज जो छोटा बिजनेसमैन है, वह जीएसटी के पीछे इतना परेशान है कि अगर जीएसटी नहीं दे पा रहा तो उसके खिलाफ मुकदमा लिख दिया जा रहा है.
अराधना मिश्रा ने कहा कि आज अगर नौजवान रोजगार के लिए सड़क पर धरना करता है तो उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा लिखा दिया जाता है. सरकारी कर्मचारी अगर अपनी बात कहने के लिए मांग को पूरा करने के लिए आंशिक हड़ताल भी करते हैं तो उनके खिलाफ बड़े कानून दिखाकर उन को ब्लैकमेल किया जाता है. इसी अघोषित आपातकाल को, जिसकी चर्चा जनता में होने लगी है, बीजेपी अब अपने को बचाने के लिए, फेस सेविंग के लिए एक प्रोपेगेंडा उस समय की पिक्चर लाकर कर रही है. वह एक वक्त था जो बीत गया, आज जो लोग प्रताड़ित हैं जो अघोषित इमरजेंसी देख रहे हैं, उसका जवाब बीजेपी को देना पड़ेगा.
अजय कुमार लल्लू ने बीजेपी पर लगाया आरोप
कांग्रेस के पूर्व यूपी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि क्या आज आजादी है. इस देश में कोई व्यक्ति बोल सकता है? अगर मैंने इस सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया, 2800 करोड़ का बिजली विभाग का घोटाला हुआ था और भविष्य निधि का. मैंने 7 सवाल ही पूछे थे और मुझपर मानहानि का मुकदमा हुआ. एक साल की सजा हो गई. राहुल गांधी ने सवाल पूछा तो उन पर मानहानि का मुकदमा हुआ. 2 साल की सजा और सदस्यता निरस्त कर दी गई. अगर किसी पत्रकार ने सरकार के खिलाफ दिखाया, सच बोलने की हिम्मत की उस पर मुकदमा कर दिया गया.
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जहां दलित, पिछड़ा, आदिवासी सुरक्षित नहीं, उस देश में जिस रूप में यह सरकार लोगों के ऊपर अत्याचार दूर व्यवहार कर रही, अधिकारों का दमन कर रही, यह आपातकाल नहीं तो क्या है? बीजेपी को तो यह फिल्म दिखानी चाहिए कि 9 साल में किया क्या है. बीजेपी जनता के सामने जाए और वह न बोलें बल्कि जनता से सवाल लें, फिर हकीकत सामने आ जाएगी. जब नौजवान पूछेगा कि मेरा रोजगार कहां है, काला धन वापस कब आएगा, आर्थिक संपन्नता कब होगी तो सरकार को जवाब देना होगा. सरकार केवल अपने कहानी सुनाना चाहती है.
लोग बीजेपी के कुशासन से पीड़ित- सपा
इसे लेकर सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि पूरे देश के लोग बीजेपी के कुशासन से पीड़ित है. इमरजेंसी से भी ज्यादा ज्यादती, अन्याय और पक्षपात हो रहा है पूरे प्रदेश में जैसा माहौल है. हम लोगों ने इमरजेंसी भी देखी, उस समय विद्यार्थी थे. इमरजेंसी के समय नेताओं को रोका गया था लेकिन उनके परिवारों को किसी तरह से परेशान नहीं किया गया लेकिन बीजेपी धर्म, जाति को देखकर, पार्टी विरोधी लोगों को देखकर लोकतंत्र को कमजोर करने का जो काम कर रही है. वह आपातकाल से भी ज्यादा खराब स्थिति है. मुझे महसूस होता है कि 1975 के आपातकाल से ज्यादा खराब स्थिति इस समय है. मुझे नहीं बल्कि सभी सियासी दल यह कह रहे है, जिन दलों ने इमरजेंसी लगाई थी, वह भी यह बात कह रहे हैं.
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