UP Assembly Election 2022: यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है. बीजेपी जहां सत्ता पर दोबारा काबिज होने की कोशिश कर रही है तो वहीं, सपा और बसपा वापसी के लिए जी जान से जुटे हुए हैं. सत्ताधारी दल बीजेपी का दावा है कि इस बार भी वो 300 से ज्यादा सीटें जीतकर अपनी सरकार बना लेगी.


इस दावे को हकीकत में बदलने के लिए बीजेपी खास रणनीति पर काम कर रही है. दरअसल, बीजेपी का फोकस 60 से ज्यादा उन सीटों पर है जहां पार्टी आज तक कभी भी विधानसभा का चुनाव ही नहीं जीती है. इन सीटों पर पार्टी ने जीत की जिम्मेदारी अपने एमएलसी, राज्यसभा सांसदों, बोर्ड और निगम के अध्यक्षों और पार्टी के पदाधिकारियों को सौंपी है.


साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने सहयोगियों के साथ मिलकर 325 सीटें जीती थी. हालांकि, 80 सीटें ऐसी भी थी जहां ना बीजेपी जीत पाई और ना ही उसके सहयोगी दल. बीजेपी का फोकस इन्हीं सीटों पर कमल खिलाने की तैयारी पर है. इसके लिए रणनीति भी बन रही है. पार्टी का पूरा फोकस है कि 2022 के चुनाव में इन सीटों पर कब्जा किया जाए. इसके लिए पार्टी ने हर सीट पर अलग-अलग प्रभारी भी नियुक्त किए हैं। इन सीटों को जिताने की जिम्मेदारी पार्टी ने अपने विधान परिषद के सदस्यों, राज्यसभा सांसदों, निगम, बोर्ड और आयोग के अध्यक्षों को सौंपी है.


इन सीटों पर कभी नहीं जीती बीजेपी
यूपी में कई सीटें ऐसी हैं जिन पर बीजेपी कभी जीत दर्ज नहीं कर सकी है. इनमें अंबेडकर नगर की अकबरपुर, आजमगढ़ की निजामाबाद सीट, सीतापुर की सिधौली सीट, रायबरेली की हरचंदपुर सीट, लखनऊ की मोहनलालगंज सीट, रायबरेली की रायबरेली सदर सीट, कानपुर की सीसामऊ सीट, आजमगढ़ की आजमगढ़ सदर सीट, प्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट, इटावा की जसवंतनगर सीट, रायबरेली की ऊंचाहार सीट, जौनपुर की मल्हनी सीट, आजमगढ़ की अतरौलिया सीट, आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट आजमगढ़ की गोपालपुर सीट शामिल हैं.


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