UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी करारी हार को लेकर समीक्षा बैठक कर रहीहै. सूत्रों के मुताबिक़ यूपी में बीजेपी की हार की समीक्षा के दौरान एक ख़ास पैटर्न में वोट कम होने की जानकारी सामने आई. यूपी बीजेपी अध्यक्ष के पास अयोध्या और अमेठी की समीक्षा की जिम्मेदारी है. अब तक की समीक्षा में एक खास पैटर्न में वोट में कमी की बात सामने आई है.
हार के कारणों में आरक्षण के मुद्दे से लेकर, जातीय गोलबंदी, कोआर्डिनेशन की कमी और Govt role का कारण अभी तक की जाँच पड़ताल में ख़ासतौर पर उभरकर सामने आया. 80 लोकसभा सीटों पर समीक्षा हो रही है. इस दौरान यह सामने आया है कि पूर्वांचल से से लेकर पश्चिम तक एक खास पैटर्न में बीजेपी के वोट कम हुए. औसतन करीब 6 से 7 फीसदी वोटों की कमी का पैटर्न पाया गया.
यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो बीजेपी कुल 80 सीटों में से 75 पर लड़ रही पार्टी को 33 सीटें मिलीं. साल 2019 के चुनाव के मुकाबले यह 39 सीटों का घाटा है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी कुल 62 सीटों पर लड़ी और 37 पर जीत हासिल की. 2019 के मुकाबले ,सपा को 32 सीटों का फायदा हुआ. वहीं कांग्रेस 17 लीटों पर लड़ी और 6 सीटें जीती. उसे पांच सीटों का लाभ हुआ. इस चुनाव में बीजेपी का 44, सपा का 50 और कांग्रेस का 35 फीसदी स्ट्राइक रेट रहा.
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क्या इन वजहों से यूपी में बीजेपी हारी?
1-योगी-मोदी के भरोसे अति उत्साह में प्रत्याशी
2-कई प्रत्याशी के खिलाफ जनता में नाराजगी
3-टिकट बंटवारे में राज्य सरकार की अनदेखी
4-प्रत्याशी और संगठन के बीच तालमेल नहीं
5-स्थानीय विधायकों का सपोर्ट ना मिलना
6-स्थानीय कार्यकर्ताओं को मिलाकर ना चलना
7-दलित-पिछड़ों को संविधान बदलने का डर
8-राजपूत-ब्राह्मण वोटर्स की नाराजगी और बंटवारा
9-संविधान बदलने की बात का जवाब ना देना
10-आरक्षण खत्म करने वाले दुष्प्रचार पर खामोशी