Tirupati Temple Prasad: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में प्रसाद को लेकर मचे घमासान के बीच यूपी की सियासत भी गर्मा गई है. बीते दिन पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा सांसद डिंपल यादव ने भी प्रसाद को लेकर सवाल उठाए थे, जिसपर बीजेपी विधायक अमित अग्रवाल ने तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि मौर्य का सेंटर हिल गया है इसलिए वो इस तरह की बातें कर रहे हैं.
बीजेपी विधायक अमित अग्रवाल ने स्वामी प्रसाद मौर्य के पंडित और पुजारियों को लेकर दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका सेंटर हिल गया है. इसलिए वो ऐसी बातें कर रहें हैं. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को हिन्दुओं का सबसे बड़ा दुश्मन बताया और कहा कि उन्हें अनाप-शनाप बयान देने की आदत है. मौर्य से कोई ये पूछे कि क्या प्रसाद बनाने का काम मंदिर के पुजारियों या पंडितों का है. प्रसाद तो बाहर बनाया
जाता है और भक्त वहीं से खरीदकर प्रसाद मंदिर में चढ़ाते हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य का बताया हिन्दुत्व का दुश्मन
बीजेपी विधायक ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य खुद हिन्दू धर्म के सबसे बड़े दुश्मन हैं क्योंकि वो विषाक्त मनोवृति की बात करते हैं. इस दौरान उन्होंने डिंपल यादव के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने मथुरा वृंदावन के प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले मावे को लेकर आ रही शिकायतों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की थी.
डिंपल यादव के बयान पर पलटवार
बीजेपी सांसद ने कहा कि मथुरा और वृंदावन में जनता प्रसाद नहीं बनाती है. दूध उत्पादक, दूध सप्लाई करते हैं और फिर तमाम चीजें बनती हैं. उन्होंने कहा कि दूध और खोया उत्पादक उन्हीं के वर्ग के लोग हैं. डिंपल यादव अपनी ही बिरादरी पर आक्षेप लगा रहीं हैं. यादव वंश ही तो खोया बनाता है.
अमित अग्रवाल यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि वहां की सरकार की जिम्मेदारी है और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाडा जा सकता. तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट के लिए सरकार जिम्मेदार है. आप खुद सोचिए 350 रुपये में कैसे असली घी मिल जाएगा? सरकार ने जब टेंडर दिया था तब सोचना चाहिए था. अपनी कमी को छिपाना नहीं चाहिए. उन्होंने ब्रजभूषण शरण सिंह के बयान पर भी कहा कि उन्होंने गलत तरीके से किसी को आरोपित किया होगा.
उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में हुई मिलावट सनातन धर्म को भ्रष्ट और दूषित करने का राजनीतिक षडयंत्र है. जो भी लोग इसमें दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. प्रसाद के लिए भक्त लंबी-लंबी लाइनों में लगते हैं और उनकी धार्मिक मान्यता और संस्कार जुड़े होते हैं. सब कुछ जानने के बावजूद इस तरीके का महापाप किया गया. जो भी दोषी हों उन पर सख्त एक्शन होना चाहिए.