Hate Speech Case: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के रामपुर (Rampur) से विधायक आजम खान (Azam Khan) को एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने गुरुवार को तीन साल की सजा सुनाई. इसके अलावा कोर्ट ने सपा विधायक पर 25 हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद सपा के दिग्गज नेता की विधायक की कुर्सी भी छिन सकती है. हालांकि आजम खान के अलावा सपा और बीजेपी के कई विधायकों की पहले भी दोषी करार दिए जाने के बाद कुर्सी जा चुकी है. 


अशोक कुमार सिंह चंदेल अभी आगरा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. उन्हें हमीरपुर में सामूहिक हत्याकांड के केस में ये सजा सुनाई गई थी. हालांकि तब वे बीजेपी के टिकट पर हमीरपुर से विधायक थे. ये हत्याकांड 26 जनवरी 1997 में हुआ था. तब इस हत्याकांड में बीजेपी नेता राजीव शुक्ला के सगे भाई समेत पांच लोगों की हत्या हुई थी. इस साज के एलान के बाद जून 2019 में उनकी विधायक की कुर्सी चली गई थी. 


Note Photo Controversy: सपा MLC ने केजरीवाल पर लगाया BJP और RSS से मिलीभगत का आरोप, कहा- 'भारतीय संविधान का ज्ञान नहीं'


इनकी भी जा चुकी है कुर्सी
इसके बाद एक और बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की भी विधायकी जा चुकी है. दरअसल, 2017 में नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में 20 दिसंबर 2019 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिसके बाद से कुलदीप सिंह सेंगर दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं. हालांकि उन्होंने उम्रकैद की सजा के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी. लेकिन सजा के एलान के बाद ही उनकी विधायक की कुर्सी चली गई थी. तब वे बीजेपी से बांगरमऊ (उन्नाव) के विधायक थे.


इंद्र प्रताप तिवारी बीजेपी के टिकट पर अयोध्या स्थित गोसाईगंज सीट से विधायक बने थे. लेकिन 29 साल पुराने केस में 18 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई. उन्हें कोर्ट ने फर्जी मार्कशीट के मामले में दोषी करार दिया था. ये मामले 1992 में साकेत महाविद्यालय का था. जिसमें कहा गया था कि उन्होंने बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा में पास नहीं होने के बावजूद द्वितीय वर्ष में नामांकन कराया लिया.