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Shraddha Murder Case: श्रद्धा हत्याकांड के बाद BJP MLA ने की धर्मांतरण कानून को और सख्त करने की मांग, सीएम योगी को लिखा पत्र
UP News: बीजेपी विधायक राजेश्वर सिंह ने कहा कि श्रद्धा हत्याकांड जैसे मामले गंभीर हैं, इसके लिए कठोर कानून की जरूरत है. 60 दिन में इन्वेस्टिगेशन पूरा हो और 60 दिन में ट्रायल पूरा हो.
Lucknow News: दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश में अवैध तरीके से धर्मांतरण कानून को और ज्यादा सख्त बनाने की मांग उठने लगी है. सरोजिनी नगर से बीजेपी विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. राजेश्वर सिंह ने ऐसे मामलों में 60 दिन में ट्रायल पूरा करने और बेल का प्रावधान न होने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि रेप और हत्या में दोषी पाए जाने पर सिर्फ मृत्युदंड ही होना चाहिए. उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड से पहले 27 नवंबर, 2020 से गैर कानूनी धार्मिक रूपांतरण निषेध कानून लागू है.
उत्तर प्रदेश में ये कानून लागू होने के बाद अब तक 291 मामले दर्ज हो चुके हैं जबकि 507 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार 150 मामलों में पीड़ित कोर्ट के सामने जबरदस्ती धर्म बदलवाने की बात कबूल कर चुके हैं. नाबालिगों के धर्मांतरण के मामले में अब तक 59 मामले दर्ज हुए हैं. बरेली जनपद में अब तक सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश में दिव्यांग बच्चों का धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा भी हो चुका है.
कानून के तहत ये हैं प्रावधान:
- यूपी में धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल
- कानून में जुर्माने की राशि 15 हजार से 50 हजार तक
- अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को करना होता है सूचित
- जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान
- एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान
- जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा तीन से 10 साल और जुर्माना 50 हजार
- कानून के मुताबिक अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादियों को दिया जाएगा अवैध करार
कानून के तहत ये हैं प्रावधान:
- यूपी में धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल
- कानून में जुर्माने की राशि 15 हजार से 50 हजार तक
- अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को करना होता है सूचित
- जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर न्यूनतम 15 हजार रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल की कैद का प्रावधान
- एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान
- जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा तीन से 10 साल और जुर्माना 50 हजार
- कानून के मुताबिक अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादियों को दिया जाएगा अवैध करार
सीएम योगी को पत्र लिखकर की मांग
धर्मांतरण कानून सख्त करने के लिए सीएम योगी को पत्र लिखने पर बीजेपी विधायक राजेश्वर सिंह ने कहा की दिल्ली में जो कांड हुआ ऐसे मामले बहुत गंभीर है, इसके लिए कठोर कानून की आवश्यकता है. 60 दिन में इन्वेस्टिगेशन पूरा हो, 60 दिन में ट्रायल पूरा हो, बेल का कोई प्रावधान नहीं होना चाहिए. दोषी पाए जाने पर रेप और मर्डर के मामले में सिर्फ मृत्युदंड होना चाहिए. उत्तर प्रदेश में सख्ती से कानून का अनुपालन कराया जा रहा है लेकिन अब भी गंभीर अपराधों को रोकने के लिए इस कानून को और कठोर बनाए जाने की आवश्यकता है.
बीजेपी विधायक ने कहा कि अभी सीएम दौरों पर हैं, जल्द उनसे मिल कर बात करूंगा. विशेष न्यायालय बनाए जाने की भी आवश्यकता है. पीड़ित व्यक्ति चाहता है कि उसकी आंखों के सामने जल्द न्याय हो. जब देरी होती है तो विटनेस को डराया, धमकाया, प्रलोभन दिया जाता है. लव जिहाद की राजनीति पर राजेश्वर सिंह ने कहा की बेटी, बेटी होती है, मां, मां होती, बहन, बहन होती है. जो भी अपराध करेगा उसे कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए, उसका कोई धर्म नहीं होता. जो लोग धर्म के आईने का चश्मा लगा रहे वह घृणित मानसिकता के लोग हैं, गलत कर रहे.
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विनोद बंसलवीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
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