UP News: सरकार और सरकारी काम को लेकर सरकार सजग है. जनता के हित में लगातार काम किए जा रहे हैं. लेकिन सरकार की योजनाओं और कामों में पलीता भी लगाया जा रहा है. ये पलीता कोई और नहीं बल्कि सरकारी कामों को पूरा करने वाले ठेकेदार हैं जो महज अपने मुनाफे को बढ़ाने के लिए दूसरों की जिंदगियों से खेलने का काम कर रहे हैं. सरकारी कामों में मोटे मुनाफे का कट लगाने वाले ठेकेदारों एक और कारनामा सामने आया है. 


कानपुर में दो महीने पहले 61 करोड़ की लागत के पुल में बड़ा खेल कर दिया और नतीजा सबके सामने आ गया. दो महीने पहले बने पुल के ज्वाइंट खुलने लगे हैं और पुल जर्जर अवस्था में आ गया है. पुल को जोड़ने वाले ज्वाइंट महज चंद दिनों में बदलने की कगार पर आ गए हैं और अब इसकी पोल जनता की ओर से नहीं बल्कि यूपी सरकार के विधायक खुद पुल के निरीक्षण कर उसकी गुणवत्ता को परख रहे हैं. 61 करोड़ की लगता का पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है. इसकी तसदीक खुद बीजेपी विधायक कर रहे हैं.


निरीक्षण करने पहुंचे बीजेपी विधायक
मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट कहा जाने वाला कानपुर विकास की रफ्तार में लगातार भाग रहा है. शहर को नए-नए आयाम पर ले जाने की सरकार कवायद कर रही है. लेकिन सरकार के प्रयासों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जा रहा है. कानपुर के पनकी क्षेत्र में बने पनकी धाम मंदिर में एक ओर हजारों श्रद्धालु रोजाना दर्शन करने पहुंचते हैं. उनके सफर को सुगम करने के लिए यूपी सरकार ने दो महीने पहले एक सरल और सुगम रास्ते की व्यवस्था की थी. जिसमें एक फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान पुल बनाया गया था.


लेकिन मुनाफा कमाकर अपनी जेब भरने वाले ठेकेदारों ने इस पुल निर्माण में जमकर धांधली की. धांधली की शिकायत पर बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने इस पुल का निरीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि पुल सभी ज्वाइंट जो पुल की कड़ी को एक दूसरे से जोड़ते हैं. सब बदलने की कगार पर आ गए है, न तो माल मैटेरियल का कोई अनुपात है और न गुणवत्ता बस होता है.


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क्या बोले विधायक
इस धांधली और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका पनकी धाम पुल पर हुए भ्रष्टाचार के लिए सरकार के विधायक ने अपनी ही योजना के घोटाले को उजागर कर दिया. पुल पर दिखने लगे ज्वाइंट और आरसीसी की निकलती परतें इस बात की गवाही दे रही हैं कि सरकार की आंखों में घुल झोंकी गई है. विधायक सुरेंद्र मैथानी ने मौके पर पहुंचकर इस मामले की जांच करने की बात कही है.


विधायक का कहना है कि सूबे के मुखिया ईमानदार हैं. लेकिन कुछ लोग उनकी छवि को खराब करना चाहते हैं. ये मामला पैसों का नहीं बल्कि सैकड़ों जिंदगी का है, जिससे कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा. इस पुल के निर्माण और इसकी मजबूती की जांच कानपुर आईआ टी से कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.


सवाल अभी भी कई बरकरार हैं कि कैसे सरकार की योजना में बनने वाले 61 करोड़ की लागत के पुल में सिर्फ ठेकेदार ही जिम्मेदार हैं, क्या पुल निर्माण के समय अधिकारियों ने माल मैटेरियल और गुणवत्ता की परख नहीं की थी? पुल शुरू होने से पहले इसकी मजबूती नहीं आंकी गई थी. फिलहाल बीजेपी विधायक ने इसकी पोल खोली है लेकिन इसकी जांच के दायरे में अभी कई नाम और शामिल होंगे.