मायावती सरकार में कथित स्मारक घोटाले मामले में फंसे बीजेपी विधायक, ED ने किया तलब
BSP की सरकार में कथित तौर पर हुए स्मारक घोटाले को लेकर अब बीजेपी विधायक फंसते नजर आ रहे हैं. ईडी ने उनको नोटिस भेजा है.
UP News: उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सरकार के दौरान कथित तौर पर हुए 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले (UP Smarak Ghotala) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक फंसते नजर आ रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने स्मारक घोटाले में विधायक टी राम को तलब किया है.
वाराणसी के अजगरा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक टी राम की भूमिका को लेकर ईडी ने सवाल उठाए हैं. 14 अरब रुपए के स्मारक घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख अभियंता त्रिभुवन राम को भी तलब किया है.
सूत्रों के अनुसार अभियंता और विधायक, दोनों को दीपावली से पहले ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है. ईडी ने खनन विभाग के तत्कालीन संयुक्त निदेशक एवं सलाहकार सुहैल अहमद फारुखी को भी तलब किया है.
इन सबके बीच बीजेपी विधायक ने कहा है कि उनका इससे कोई वास्ता नहीं है. वह पहले भी अपने बयानों में बता चुके हैं कि वह इससे जुड़ी किसी कमेटी में शामिल नहीं थे.
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स्मारक घोटाले में फंसे ये मंत्री और अफसर
इस मामले में बसपा सरकार में मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दिकी, बाबू सिंह कुशवाहा समेत कई लोगों पर भी एफआईआर दर्ज हुई थी. साल 2012 में पूर्व मंत्रियों समेत 19 लोगों पर एफआईआल हुई थी. इस मामले में लोकायुक्त की जांच में 1400 करोड़ रुपये के घोटाले की पुष्टि भी की थी. सपा सरकार में जांच धीमी हुई और अन्य जांच एजेंसियां भी चुप बैठ गईं.
2012 में शुरू हुई जांच में बाबू सिंह कुशवाहा, नसीमुद्दीन, सीपी सिंह, लोक निर्माण विभाग के अफसरों पर जांच शुरू हुई थी. इस जांच के दौरान ही यह सामने आया था कि तत्कालीन प्रमुख सचिव आवास मोहिन्दर सिंह ने बिना स्वीकृति के कई मामलों में सहमति प्रदान की थी.