UP News: बीजेपी एमएलसी ने धरना देने वाले पहलवानों के खिलाफ खोला मोर्चा, खेल मंत्री को पत्र लिखकर जताया विरोध
Gorakhpur News: बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने लेटर में कहा कि देश विरोधी नारे और प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वालों को छूट देना विभेदकारी, अनीतिपूर्ण,अन्यायपूर्ण है.
Wrestlers Protest: उत्तर प्रदेश की राजनीति में पहलवानों का विरोध प्रदर्शन अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है. बीजेपी एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना देने वाले पहलवानों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी एमएलसी ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर एशियाई खेलों के ट्रायल्स में प्रदर्शनकारी पहलवानों को छूट मिलने पर विरोध जताया है. इसके साथ ही बीजेपी नेता ने एशियन चैंपियनशिप के ट्रायल में समिति द्वारा छूट देने को गलत बताया.
बीजेपी नेता ने अपने लेटर में कहा कि देश विरोधी नारे और प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वालों को छूट देना विभेदकारी, अनीतिपूर्ण,अन्यायपूर्ण है. ट्रायल में पहलवानों को समान अवसर देने का अनुरोध किया है और प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को विशेष सुविधा देने को भी आत्मघाती कदम बताया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इससे कुश्ती के सुनहरे भविष्य पर ग्रहण लग सकता है.
जानें बीजेपी एमएलसी ने अपने पत्र में क्या लिखा
बीजेपी एमएलसी ने खेल मंत्री को पत्र लिखते हुए लिखा-" माननीय खेल मंत्री जी सादर अवगत कराना है कि कुश्ती महासंघ के निर्वतमान अध्यक्ष के खिलाफ धरना देने वाले उन पहलवानों को एशियन चैम्पियनशिप के ट्रायल में तदर्थ समिति द्वारा छूट दिए जाने का निर्णय विभेदकारी अनीतिपूर्ण और अन्यायपूर्ण है. ऐसा गलत निर्णय कुश्ती जगत के इतिहास में कभी नहीं लिया गया था. प्रदर्शनकारी पहलवानों को विशेष सुविधा देना कुश्ती जगत के लिए आत्मघाती कदम होगा. सभी पहलवानों को समान अवसर दिया जाना मंत्रालय का दायित्व है इन पहलवानों को अवसर की समानता न देकर उन पहलवानों को ट्रायल में छूट दी गयी जिनके धरने में देश विरोधी नारे लगे व प्रधानमंत्री जी के विरूद्ध अपमानजनक टिप्पणी की गयी. देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा. तदर्थ कमेटी के उपरोक्त निर्णय से सभी खेलों में ट्रायल से छूट देने की मांग उठने लगेगी जो कुश्ती के सुनहरे भविष्य में ग्रहण लगा देगा. अतः आपसे अनुरोध है कि खेलमंत्री के रूप में तदर्थ समिति के भेदभावपूर्ण निर्णय को निरस्त करते हुए सभी पहलवानों को समान अवसर प्रदान किए जाने का निर्णय राष्ट्रहित में लेने का कष्ट करें."