UP News: BJP MLC ने अपने ही सरकार के आदेश पर उठाए सवाल, CM योगी को चिट्ठी लिख रखी ये मांग
एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि आपसे अनुरोध है कि समाज में शिक्षक की गरिमा व विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश को निरस्त करने की कृपा करें.
UP News: उत्तर प्रदेश में परिषद विद्यालयों के शिक्षक इन दिनों ऑनलाइन अटेंडेंस के आदेश के खिलाफ आंदोलित हैं. महानिदेशक स्कूल शिक्षा के आदेश के विरोध में शिक्षक जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच बीजेपी के भीतर से भी सरकार के इस आदेश के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं. मुरादाबाद में बीजेपी एमएलसी जयपाल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिख कर शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति वाले सरकार के आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए वापस लेने की मांग की है.
एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने मुख्यमंत्री को भेजी चिट्ठी में कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी आपको सादर अवगत कराना है कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश ने 5 जुलाई 2024 के अपने आदेश के द्वारा परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश दिए हैं. ये आदेश पूर्ण रूप से अव्यावहारिक हैं. अधिकांश परिषदीय विद्यालय ग्रामीण अंचल और दूर-दराज क्षेत्रों में स्थित हैं. जहां नेटवर्क के साथ-साथ आवागमन में भी काफी कठिनाई होती है. शिक्षक देश और समाज के निर्माण की नींव है. इस अव्यवहारिक आदेश से उनकी गरिमा, विश्वनीयता और मनोदशा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
AMU ने एक बार फिर रचा इतिहास, अब धान की इस बीमारी का होगा खात्मा, जानें पूरी डिटेल
समर्थन मांगने पहुंचे थे शिक्षक
उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि आपसे अनुरोध है कि समाज में शिक्षक की गरिमा व विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए ऑनलाइन उपस्थिति के आदेश को निरस्त करने की कृपा करें. दरअसल, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सर्वेश शर्मा के नेतृत्व में प्राथमिक शिक्षक एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त से समर्थन मांगने पहुंचे थे. शिक्षकों ने ऑनलाइन हाजिरी के मुद्दे पर अपनी समस्याएं गिनाते हुए बीजेपी एमएलसी से समर्थन मांगा था.
इसके बाद एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त ने मुख्यमंत्री को ये चिट्ठी लिखी है. डॉ जयपाल सिंह व्यस्त का कहना है कि मैं कोई सरकार के खिलाफ नहीं हूं बल्कि मैंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख कर इस आदेश को अव्यावहारिक बताया है इसकी जांच कर ली जाए और तब तक डिजिटल उपस्थिति न ली जाये.