UP Politics: उत्तर प्रदेश की सियासत में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव की चिंता सताने लगी है. इसकी एक बानगी आजमगढ़ में नजर आई. समीक्षा बैठक करने जब सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे उसके बाद भारतीय जनता पार्टी से विधानपरिषद के सदस्य रामसूरत राजभर ने खरी खरी सुना दी.


सीएम की समीक्षा बैठक में मऊ और बलिया के अधिकारी वर्चुअली जुड़े थे. इस दौरान सीएम ने विकास परियोजनाओं की समीक्षा की और लॉ एंड ऑर्डर का जायजा लिया. इसी बैठक में अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किए जाने को लेकर भाजपा के एमएलसी रामसूरत राजभर ने कुछ मामलों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया और  कहा कि छोटे-छोटे मामले भी तहसील और थाने पर नहीं सुने जाते हैं.


MLC ने क्या कहा?
MLC ने सीएम से कहा कि जब हम इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से  करते हैं तो वहां भी सुनवाई नहीं होती. उच्च अधिकारियों के फोन नहीं उठते. हद तो यह हो जाती है कि अधिकारी उच्च न्यायालय के निर्देशों का भी पालन नहीं कर रहे हैं. एमएलसी रामसूरत राजभर की शिकायत को सुनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को कई निर्देश दिए और कहा कि इस तरीके की शिकायत फिर नहीं आनी चाहिए.


सीएम से शिकायत के बाद एमएलसी ने कहा कि सबने मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखी. मैंने क्षेत्र की दो समस्याएं बताई. ज्यादातर समस्याएं थाने और तहसील की है. किसी आदेश का पालन नहीं होता और अधिकारी फोन नहीं उठाते. मैंने प्रमाण सहित जानकारी दी. इसके बाद सीएम योगी ने सख्ती से सभी को हिदायत दी. राम सूरत ने दावा किया कि सीएम ने डीएम, एसपी सबको फटकार लगाई. हम इस बातचीत के बाद संतुष्ट हैं.