UP Politics:  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अरुण कुमार सागर ने बृहस्पतिवार को बसपा संस्थापक दिवंगत कांशीराम को मरणोपरांत ‘भारत-रत्न’ से सम्मानित करने की मांग लोकसभा में उठाई. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती कई मौकौं पर यह मांग कर चुकी हैं.


सागर ने शून्यकाल में कांशीराम को दलितों के उत्थान के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाला नेता बताते हुए कहा कि उन्होंने दलित राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाया तथा दबे-कुचले वर्ग के लोगों को आगे लाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे.


उन्होंने कहा, ‘‘सरकार से अनुरोध है कि कांशीराम के समाज और देश के प्रति योगदान को देख्रते हुए उन्हें (मरणोपरांत) भारत रत्न से सम्मानित किया जाए.’’


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मायावती ने फरवरी में क्या कहा था?
इसी साल फरवरी में नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत के प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से नवाजा तब भी बसपा चीफ ने यह मुद्दा उठाया था. मायावती ने अपनी पुरानी मांग को एक बार फिर दोहराते हुए कहा था कि  'वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा जिन भी हस्तियों को भारतरत्न से सम्मानित किया गया है उसका स्वागत है, लेकिन इस मामले में खासकर दलित हस्तियों का तिरस्कार एवं उपेक्षा करना कतई उचित नहीं. सरकार इस ओर भी ज़रूर ध्यान दे.'


मायावती ने आगे लिखा था, 'बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को लम्बे इंतजार के बाद श्री वी पी सिंह जी की सरकार द्वारा भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया. उसके बाद दलित व उपेक्षितों के मसीहा मान्यवर श्री कांशीराम जी का इनके हितों में किया गया संघर्ष कोई कम नहीं. उन्हें भी भारतरत्न से सम्मानित किया जाए.' इससे पहले भी बसपा चीफ कई मौकों पर यह मांग कर चुकी हैं.


मोदी सरकार ने साल 2024 की फरवरी में पीवी नरसिम्हा राव, एमएस स्वामीनाथन और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का एलान किया था.