UP News: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) ने डब्ल्यूएफआई चुनावों में अपनी समिति को नामित करने के लिए रविवार को एक बैठक बुलाई है. यह पैनल महासंघ के नये पदाधिकारियों का चुनाव लड़ेगा. बृज भूषण और उनके बेटे करण चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन इस बीजेपी नेता के दामाद विशाल सिंह चुनाव में बिहार के प्रतिनिधि हैं और संभवतः शीर्ष पद के लिए दावेदारी कर सकते हैं.


डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान सहायक सचिव विनोद तोमर ने पुष्टि की कि बृज भूषण ने 30 जुलाई को एक बैठक बुलाई है. उन्होंने हालांकि बैठक के आयोजन स्थल के बारे में नहीं बताया. तोमर ने कहा, ‘‘हां, निवर्तमान अध्यक्ष ने रविवार को एक बैठक बुलाई है. यह तय नहीं किया गया है कि बैठक कहां होगी. बैठक में संभवतः वे सभी (राज्य निकाय पदाधिकारी) शामिल होंगे जो उनका (बृज भूषण) समर्थन करते हैं.’’


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12 अगस्त को होंगे चुनाव
तोमर ने कहा, ‘‘विभिन्न राज्य संघों के अध्यक्ष और सचिव चुनाव के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए बैठक में आने की संभावना है. बैठक का स्थान अभी तय नहीं किया गया है.’’ डब्ल्यूएफआई के चुनाव 12 अगस्त को होंगे और इसके लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है. उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से सांसद बृज भूषण यौन उत्पीड़न के कई आरोपों का सामना कर रहे हैं और चुनाव लड़ने के पात्र नहीं हैं क्योंकि उन्होंने पहले ही एक पदाधिकारी के रूप में 12 साल पूरे कर लिए हैं, जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार अधिकतम कार्यकाल है.


डब्ल्यूएफआई के दैनिक मामलों का प्रबंधन वर्तमान में भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा गठित भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता वाली तदर्थ समिति द्वारा किया जा रहा है. पंजाब कुश्ती संघ के सचिव रणबीर कुंडू ने शुक्रवार को कहा कि अब तक उनके राज्य संघ को बैठक में शामिल होने के लिए किसी भी वर्ग या उम्मीदवार से निमंत्रण नहीं मिला है. कुंडू ने कहा, ‘‘अब तक हमें कोई निमंत्रण नहीं मिला है. हम आगामी चुनावों में शीर्ष पदों के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. हालांकि देश में कुश्ती की बेहतरी के लिए मतदान करेंगे.’’


चुनाव में नहीं लेगा कोई हिस्सा
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया की अगुवाई वाले आंदोलनकारी पहलवानों को वादा किया था कि बृज भूषण के परिवार से कोई चुनाव में हिस्सा नहीं लेगा. महाराष्ट्र और त्रिपुरा का कोई प्रतिनिधि चुनाव में नहीं होगा. निर्वाचन अधिकारी ने महाराष्ट्र के दोनों गुटों के दावों को खारिज कर दिया जबकि त्रिपुरा की 2016 से ही मान्यता रद्द है. 


प्रत्येक राज्य इकाई से दो प्रतिनिधियों को मतदान करने की अनुमति दी जाएगी. नामांकन की जांच दो अगस्त को की जाएगी और उम्मीदवारों की अंतिम सूची सात अगस्त को प्रकाशित की जाएगी. अगर चुनाव की आवश्यकता हुई, तो मतदान 12 अगस्त को आयोजित किया जाएगा.