'ये चिंता का विषय, भारत कहीं..' संघ प्रमुख मोहन भागवत के 3 बच्चों वाले बयान पर बोले दिनेश शर्मा
Mohan Bhagwat Statement: बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि आबादी में पहले तीन चार बच्चे थे, फिर दो हुए और अब एक बच्चे की तरफ लोग बढ़ रहे हैं जो चिंता का विषय है.
Mohan Bhagwat Statement: राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रमुख सरसंघचालक मोहन भागवत ने देश की घटती जनसख्या पर चिंता जताते हुए हर परिवार में कम से कम तीन बच्चे पैदा करने को जरूरी बताया है. जिसे लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. भागवत के इस बयान पर यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि जो शोध सामने आया है वो चिंता का विषय हैं कि कहीं भारत बूढ़ा देश न बन जाए.
दिनेश शर्मा ने कहा कि देश में अगर प्रजनन दर 2.1 से नीचे चली जाती है तो वो प्रतिस्थापन दर से नीचे चली जाती है तो निश्चित रूप से जो जापान और चीन का हश्र हुआ है कि वहां लोग बुजुर्ग हो गए हैं. अब वो बुजुर्गों को देश कहलाते हैं. भारत नौजवानों का देश है. आबादी में पहले तीन चार बच्चे थे, फिर दो हुए और अब एक बच्चे की तरफ लोग बढ़ रहे हैं और कई परिवार ऐसे हैं जो एक भी बच्चे की तरफ नहीं आकर्षित हो रहे हैं. ये विश्लेषण या जो भी शोध आया है वो चिंता का विषय का जरूर है.
#WATCH | Delhi | On RSS chief Mohan Bhagwat's "3-children" remark, BJP MP Dinesh Sharma says, "...In my personal opinion, he said it in connection with India's development and progress and that India should not become a nation of older population." pic.twitter.com/rYF0poakmq
— ANI (@ANI) December 2, 2024
उन्होंने कहा कि इसमें मुस्लिम वर्ग है उनमें प्रजनन दर है वो हिन्दुओं से ज्यादा है. लेकिन, 2.1 की जो दर आई है उसमें मुस्लिम वर्ग की आबादी दर भी पहले से कम हुई है और हिन्दुओं की आबादी दर तो और भी कम हुई है जो 3.4 हुआ करती थी वो अब 1.9 हो गई है तो ये अब चिंता का विषय है कि भारत कहीं बूढ़ा देश न बन जाए. उन्होंने हिन्दू और मुसलमान का वर्गीकरण करके नहीं बल्कि उन्होंने भारत की जो व्यवस्था और विकास है उसके संदर्भ में उनकी चिंता व्यक्त की है.
हालांकि दिनेश शर्मा ने उसे उनकी अपनी राय बताया और कहा कि ये पार्टी का बयान नहीं है और न ही मैं मोहन भागवत जी के बयान पर कोई टिप्पणी कर रहा हूं.
बता दें कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में एक कार्यक्रम में हिन्दुओं का नाम लिए बिना घटती जनसंख्या पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा कि परिवार के महत्व को समझाते हुए कहा कि अगर जनसंख्या वृद्धि दर गिरते-गिरते 2.1 के नीचे चली गई तो समाज को किसी को बर्बाद करने की जरूरी नहीं, वो अपने आप ही नष्ट हो जाएगा. इसलिए कम से कम तीन बच्चे पैदा करना जरूरी है.