Farm Laws Repealed: कृषि कानून के विरोध में किसान बीते एक साल से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के आंदोलन को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री ने बीते दिन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की. कृषि कानून को वापस की घोषणा होते ही सभी किसान संगठन प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत कर रहे हैं. लेकिन फर्रुखाबाद से बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत प्रधानमंत्री की घोषणा से 'असहमत' दिखे हैं.
बीजेपी सांसद आज कायमगंज स्थित सहकारी चीनी मिल के पेराई सत्र के उद्घाटन करने पहुंचे. यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मैं कृषि कानूनों के वापस लिए जाने से सहमत नहीं हूं. मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करूंगा कि इस कानून का सरलीकरण कर इसे लागू किया जाए."
सांसद मुकेश राजपूत ने कही ये बड़ी बात
सांसद ने कहा कि देश में आज़ादी के बाद से ही किसानों के पैरों में बेड़ियां पड़ी थीं. इस कानून से किसानों की बेड़ियां हटी थी. किसान अपनी फसल को जहां चाहे बेच सकता था. लेकिन कृषि कानून के वापस होने से किसानों को फिर से बेड़ियां लग जाएंगी. किसान नेता राकेश टिकैत पर कहा कि वह बताएं कि किसानों के हित में है या फिर उद्योगपतियों के हित में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने गुमराह कर प्रधानमंत्री को यह फैसला लेने पर मजबूर किया है.
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