उन्नाव. कांग्रेस पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की हत्या का आरोप लगाने के बाद उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज अब बैकफुट पर आ गए हैं. अपने बयान से पार्टी की किरकिरी कराने वाले साक्षी महाराज ने इसे निजी विचार बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि उनके बयान को पार्टी से ना जोड़ा जाए. एक सवाल के जवाब में साक्षी महाराज ने कहा कि उनका बयान मिथ्या भी हो, लेकिन नेता जी की मौत की जांच तो होनी ही चाहिए थी.
साक्षी महाराज की सफाई
साक्षी महाराज से जब नेताजी की हत्या का आरोप कांग्रेस पर लगाए जाने वाले बयान को लेकर सवाल पूछा गया तो वो कुछ समय के लिए अटक से गए. साक्षी महाराज ने सफाई देते हुए कहा, "सुभाष चंद्र की मौत आज भी रहस्य बनी है, आखिर क्यों पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कोई जांच क्यों नही बिठाई? चाहे पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत हो या लाल बहादुर शास्त्री की मौत. इन मौतों से पर्दा उठना जरूरी है. सुभाष चन्द्र बोस की लोकप्रियता के आगे पंडित जवाहरलाल नेहरू कहीं नही टिकते थे. ते मैंने ऐसे ही कयास लगाए थे. इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है."
साक्षी महाराज ने क्या कहा था
उन्नाव में सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती के दौरान भाषण देते वक्त उन्होंने कहा, "सुभाष चंद्र बोस को समय से पहले ही मौत के गाल में भेज दिया गया था. मेरा आरोप है कि कांग्रेस ने ही सुभाष चंद्र बोस की हत्या कराई. बोस की लोकप्रियता के आगे पंडित नेहरू तो कहीं ठहरते ही नहीं थे. महात्मा गांधी भी उनकी लोकप्रियता के आगे कहीं नहीं ठहरते थे."
"लहू के भाव से खरीदी हमने आजादी"
साक्षी महाराज ने आगे कहा, "सुभाष चंद्र बोस वह शख्सियत थे जिन्होंने नारा दिया कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा. अंग्रेज इतने सीधे नहीं थे कि मांगने से आजादी दे देते. इस आजादी के लिए कई लोग शहीद हो गए." उन्होंने आगे कहा कि लहू के भाव से हमने आजादी खरीदी थी.
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