UP Politics: संघमित्रा मौर्य का दावा हुआ सच, तब आमने सामने आ जाएंगे स्वामी प्रसाद मौर्य और अखिलेश यादव, जानिए वजह
बीजेपी (BJP) सांसद संघमित्रा मौर्य (Sanghmitra Maurya) का दावा सच होता है तो स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) एक-दूसरे के सामने चुनावी मैदान में हो सकते हैं.
Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर नेताओं की बयानबाजी थमने का नाम ही नहीं ले रही है. ये बयानबाजी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बयान से शुरू हुई थी. बदायूं (Badaun) से बीजेपी (BJP) सांसद और सपा नेता की बेटी संघमित्रा मौर्य (Sanghmitra Maurya) के बयान ने इस और हवा दी. जिसके बाद यूपी बीजेपी (UP BJP) के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) ने उन्होंने अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा था.
भूपेंद्र चौधरी के बयान के बाद बीजेपी सांसद ने कहा, "मैं आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर बदायूं से दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हूं. अगला लोकसभा बदायूं से ही लड़ेंगे. बदायूं में हम लगातार बने हुए हैं, लगातार काम कर रहे हैं." अगर संघमित्रा मौर्य का ये दावा सच होता है तो फिर इस सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए अलग चुनौती बन सकती है क्योंकि यहां से पिछली बार अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़े थे.
क्या करेंगे स्वामी प्रसाद मौर्य?
इस बार भी धर्मेंद्र यादव के बदायूं से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है. अगर ऐसा होता है तो स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए सपा और बीजेपी दोनों ही चुनौती बन जाएंगी. तब अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य के आमने सामने होने की संभावना भी बन सकती है. हालांकि ऐसा तब होगा जब स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी बेटी का समर्थन करते हैं. इस हालत में सपा नेता को अखिलेश यादव के खिलाफ भी वोट मांगना पड़ सकता है.
दूसरी ओर अगर बीजेपी सांसद का दावा सच हुआ तो पहली चुनौती ये स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए बनेगी. सपा नेता को अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा कि वो अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव के पक्ष में रहेंगे या फिर अपनी बेटी के लिए बीजेपी के साथ जाएंगे. इन दोनों ही परिस्थितियों में सबसे बड़ी चुनौती सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए होने वाली है.