UP News: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राष्ट्रीय लोकदल (RLD) भी मजबूती के साथ मैदान में उतर रही है. यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए रालोद ने अपने समरसता अभियान का भी तेज कर दिया है, जिसमें पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव लोगों के बीच जा रहे हैं. वहीं रालोद का प्रभाव पश्चिमी यूपी में काफी माना जाता है और इसी वजह से खुद रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह का भी फोकस पश्चिमी यूपी की सीटों पर है, जिसमें सबसे अधिक फोकस बागपत सीट पर है.


क्योंकि बागपत सीट पर पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के परिवार का कब्जा रहा. हालांकि पिछले दो चुनावों के रिजल्ट को देखें तो इस सीट पर बीजेपी के सांसद सत्यपाल सिंह ने जीत दर्ज की है. सत्यापल सिंह ने जहां साल 2014 के चुनाव में छोटे चौधरी यानी अजित सिंह को तो साल 2019 के चुनाव में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को हराया था. हालांकि अब देखना ये है कि जयंत चौधरी इस चुनाव में अपनी पारवारिक सीट को किस तरह से बचा पाएंगे. पिछले चुनाव में जंयत चौधरी की इस सीट पर 25 हजार से अधिक वोटों से हार हुई थी, वहीं अजित सिंह को इस सीट पर करारी हार हुई थी.


जानें- क्या अब तक रहा बागपत सीट का हाल


साल 1967 में बागपत लोकसभा सीट पर सबसे पहला चुनाव हुआ था. इस चुनाव में जनसंघ के रघुवीर सिंह शास्त्री की जीत हुई, इसके बाद साल 1971 में इस सीट पर राम चंद्र विकल कांग्रेस के सीट से जीते. वहीं फिर साल 1977, 1980 और 1984 में पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह जनता पार्टी और लोकदल के टिकट पर जीते. इसके बाद साल 1989, 1991 और 1996 में जनता दल और कांग्रेस के टिकट पर जीत. वहीं वह इस सीट पर साल 1997 में निर्दलीय भी जीत चुके हैं. इसके बाद फिर इस सीट पर बीजेपी ने साल 1998 में अपना खाता खोला और इस बार बीजेपी उम्मीदवार सोमपाल शास्त्री की जीत हुई. इसके बाद साल 1999, 2004 और 2009 में रालोद के टिकट पर अजित सिंह जीते और फिर साल 2014 और 2019 में बीजेपी उम्मीदवार सत्यपाल सिंह की जीत हुई.


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