बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि यह बहुत पीड़ादायक स्थिति है, स्वाभाविक है लॉ एंड आर्डर पर सवाल उठेंगे. कोर्ट में अगर इस तरह की स्थिति होती है, तो शासन पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है, लेकिन ये जांच का विषय है. हालांकि अच्छी बात ये भी है कि इस तरह के अपराधी की ही मृत्यु हो रही है. अपराधी की हत्या होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. यह सब तो भाड़े पर हत्या करने वाले न जाने कितनों की हत्या कराई होगी. बदला लेने का बहुत पुराना इतिहास हिंदुस्तान का है. अभी मध्यप्रदेश के मुरैना में एक 22 साल के लड़के ने 6 लोगों को मार दिया, क्योंकि जब वह 10 साल का था तो उसके सामने पिता की हत्या हो गई थी, तो कुछ भी हो सकता है.
धर्मांतरण को लेकर कही ये बात
धर्मांतरण के मुद्दे पर सुब्रत पाठक ने कहा इस देश में कट्टरपंथियों के द्वारा बहुत बड़ा षड्यंत्र चल रहा है. ताकि देश की जनसंख्या को प्रभावित कर सकें. पाकिस्तान में आजादी के समय हिन्दुओं की 27 फीसदी आबादी थी जो आज डेढ़-दो पर्सेंट रह गई है. वहां बल से समाप्त कर दिया और हिंदुस्तान में छल से समाप्त करने में लगे हैं. जो तमाम प्रकार से लव जिहाद, गेम जिहाद, लैंड जिहाद पता नहीं किस किस प्रकार से लोगों को धर्मांतरित करने में जुटे हैं, लेकिन ये लोग भूल गए हैं इस समय सपा या कांग्रेस की सरकार नहीं है बल्कि बीजेपी की सरकार है, ऐसे लोगों को कुचल दिया जाएगा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव की मुलाकात पर सुब्रत पाठक ने कहा कि यही अरविंद केजरीवाल इन दोनों बाप बेटे को बेईमान, चोर बताते थे, खुलेआम मंच से गाली देते थे, अच्छा है मोदी के डर से इकट्ठा हो रहे हैं.
पुलिस से पिटाई मामले पर दी सफाई
कन्नौज के थाने में पुलिस से मारपीट की घटना और अपने पर FIR को लेकर सुब्रत पाठक ने कहा की इस मामले में एक कमेटी का गठन हो चुका है. मैं पहले दिन से कह रहा कि घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं उनको देख लिया जाए. मेरे जाने से लेकर आने तक के सारे फुटेज है, उसकी जांच हो. मैं अपनी पार्टी के अति पिछड़े नाई समाज के कार्यकर्ता के लिए वहां गया था, युवा मोर्चा का मेरा पदाधिकारी है. मैं अखिलेश यादव की तरह अपने पिता के कारण से सांसद नहीं हूं. कन्नौज की जनता की वजह से हूं.
सपा अध्यक्ष पर लगाया आरोप
सुब्रत पाठक ने कहा कि जब इस तरह की घटना होती है, झूठी एफआईआर लिखी जाती है तो सवाल खड़े होते हैं. यह समझ नहीं आता कि मुकदमा लिखा गया बाद में और अखिलेश यादव को पहले जानकारी हो गई. उन्हें पहले पता चल गया की कौन-कौन सी धाराएं लगाई जा रही, तो इसके पीछे अखिलेश का कोई षड्यंत्र तो नहीं अभी समझना होगा. जब वो सरकार में थे तो हमारे ऊपर फर्जी मुकदमे लगाकर उत्पीड़न कराया था, सभी मुकदमों से मैं बरी हुआ हूं. वो इतने उतावले क्यों है. उन्होंने क्या कभी तथ्य को समझा या लोगों से पूछा, बस चिल्लाने लगे.