अवैध खनन पर BJP सांसद का सरकार पर तीखा तंज, कहा- 'शेर कभी कुत्तों का शिकार नहीं करते'
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले संसद में अवैध खनन का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है. अवैध खनन के कारण पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है.

Uttarakhand News: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खनन को लेकर अपनी ही सरकार पर तीखा हमला बोला है. हाल ही में संसद में अवैध खनन का मुद्दा उठाने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा, "शेर कभी कुत्तों का शिकार नहीं करते." उनके इस बयान के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत का यह बयान खनन सचिव बृजेश कुमार संत के उस दावे के बाद आया है, जिसमें संत ने कहा था कि उत्तराखंड में पिछले 25 वर्षों में इस साल सबसे अधिक खनन राजस्व प्राप्त हुआ है. ब्रजेश कुमार संत ने आंकड़े पेश करते हुए कहा था कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य को खनन से लगभग 1100 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो कि राज्य के गठन के बाद का अब तक का सर्वोच्च आंकड़ा है
बड़े पैमाने पर अवैध खनन- पूर्व सीएम
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुछ दिन पहले संसद में अवैध खनन का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है. उन्होंने सरकार से सवाल किया था कि इस खनन पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. रावत का आरोप था कि अवैध खनन के कारण पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, लेकिन सरकार इस पर सख्ती नहीं बरत रही.
इस पर खनन सचिव बृजेश कुमार संत ने बयान जारी कर दावा किया था कि खनन से होने वाला राजस्व पिछले वर्षों की तुलना में इस साल सबसे अधिक रहा है. उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए सरकार ने टेक्नोलॉजी और टास्क फोर्स का सहारा लिया है, जिससे चोरी का खनन रुका है और राजस्व में इजाफा हुआ है. संत ने कहा, "आज तक जब भी वित्त विभाग ने टारगेट दिया, हमने उसे न केवल पूरा किया, बल्कि 200 करोड़ रुपये ज्यादा सरप्लस राजस्व जुटाया."
प्रश्न काल के दौरान आज संसद में देहरादून-हरिद्वार-नैनीताल और उधमसिंह नगर जिलों में रात्रि के समय अवैध रूप से संचालित खनन ट्रकों के बेहद ही गंभीर और संवेदनशील विषय की और सरकार का ध्यान आकर्षित किया| pic.twitter.com/zrZWOsKgEh
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) March 28, 2025
क्या बोले थे खनन सचिव
बृजेश कुमार संत ने ट्रकों के रात में चलने को लेकर भी सफाई दी. उन्होंने कहा कि स्टोन क्रेशरों से निकलने वाला माल वैध रूप से वेद जे प्रपत्र (माल ढुलाई का प्रमाण पत्र) के साथ ही निकलता है. उन्होंने कहा, "रात में ट्रकों के चलने का कारण अवैध खनन नहीं बल्कि यातायात का दबाव कम करना है." दिन में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की आवाजाही के कारण ट्रकों का निकलना मना है, ताकि हादसों की संभावनाएं कम रहें.
खनन सचिव के इस बयान के बाद जब दिल्ली में एक निजी चैनल की पत्रकार ने त्रिवेंद्र रावत से इस मुद्दे पर सवाल किया तो उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा, "शेर कभी कुत्तों का शिकार नहीं करते." उनके इस बयान को सीधे तौर पर खनन सचिव संत पर हमला माना जा रहा है. हालांकि, रावत ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका बयान अधिकारियों पर तंज माना जा रहा है
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सरकार के दावे खोखले- पूर्व सीएम
त्रिवेंद्र रावत के बयान के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ही सरकार की पोल खोल रहे हैं, जिससे साफ हो गया है कि उत्तराखंड में खनन माफिया हावी है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेता ही सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर कर रहे हैं, इससे साफ है कि सरकार के दावे खोखले हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री के बयान के बाद भाजपा में भी हलचल है. त्रिवेंद्र सिंह रावत का लगातार अपनी ही सरकार पर हमलावर होना पार्टी के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. भाजपा नेताओं का मानना है कि इस तरह की बयानबाजी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है. त्रिवेंद्र सिंह रावत और खनन सचिव के इस विवाद के बाद अब अवैध खनन का मुद्दा और गरमा गया है. राज्य में विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है.
वहीं, भाजपा के भीतर भी त्रिवेंद्र सिंह रावत की नाराजगी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. उत्तराखंड में अवैध खनन पर मचे इस राजनीतिक बवाल से साफ है कि आगामी दिनों में यह मुद्दा सियासी रूप से और गर्माएगा. त्रिवेंद्र सिंह रावत की बयानबाजी और कांग्रेस के हमले से भाजपा की स्थिति असहज होती दिख रही है. खनन को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच सियासी टकराव आने वाले समय में और तेज हो सकता है.
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