UP Politics: यूपी की सुल्तानपुर सीट से बीजेपी की लोकसभा सांसद मेनका गांधी ने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे प्रदेश की सियासत में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. ये तो हम सब जानते हैं कि उनके बेटे और पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी अक्सर बीजेपी और सरकार की नीतियों पर हमले करते आ रहे हैं. तभी से दोनों के सियासी भविष्य को लेकर भी अटकलें लगती रहती हैं. माना जा रहा है कि वरुण और मेनका पार्टी आलाकमान से नाराज है. लेकिन अब मेनका ने इन तमाम कयासों को खारिज कर दिया है. 


बीजेपी सांसद मेनका गांधी भले की मीडिया में कब बोलती हों या शांत दिखती हों, लेकिन उनके बेटे वरुण गांधी अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. पिछले कुछ दिनों से वो जिस तरह से पार्टी लाइन से अलग हटकर बयान दे रहे हैं. वो कभी अपने भाषणों के जरिए तो कभी सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाते रहे हैं. उसके बाद ये चर्चाएं तेज हो गई हैं कि बीजेपी एक बार फिर से मेनका गांधी या वरुण गांधी को अपने प्रत्याशी बनाएगी या फिर आलाकमान कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकता है.


बीजेपी के पाले में डाली गेंद


इन तमाम सियासी दावों के बीच मेनका गांधी ने ऐसा बयान दिया है जिससे गेंद अब बीजेपी के पाले में चली गई है. सुल्तानपुर में बीजेपी सांसद ने कहा कि "मैं बीजेपी में हूं और बीजेपी में ही रहूंगी," इसके आगे उन्होंने कहा कि "पार्टी चाहे मुझे टिकट दे या न दे, मैं पार्टी में ही रहूंगी." मेनका गांधी जो कहा उससे फिलहाल उनके पार्टी छोड़ने की अटकलों पर विराम लग गया है. 


साल 2014 में जब केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी थी तो सब कुछ ठीक था. वरुण गांधी बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में आते थे. वरुण गांधी, सुल्तानपुर और मेनका गांधी को पीलीभीत से सांसद बनी और केंद्र में भी मंत्री बनाया गया. लेकिन लेकिन 2019 में परिस्थितियां बदल गईं. बीजेपी ने मेनका और वरुण की सीटों को आपस में बदल दिया और मेनका ने सुल्तानपुर और वरुण गांधी ने पीलीभीत सीट से जीत दर्ज की, लेकिन इस बार दोनों में से किसी को केन्द्र में जगह नहीं मिल पाई. 


वरुण गांधी के पास ऑप्शन


मेनका गांधी और वरुण गांधी के लिए बीजेपी के अलावा भी कई विकल्प मौजूद है. वरुण गांधी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरएलडी नेता जयंत चौधरी के भी करीबी माने जाते हैं. पिछले दिनों ममता बनर्जी के साथ भी उनका तालमेल देखने को मिला था. ऐसे में ये ऑप्शन तो उनके पास हैं हीं, इसके अलावा पिछले दिनों उनके कांग्रेस में जाने की भी अटकलें लगी थी. कहा जाता है कि वरुण के उनकी चचेरी बहन प्रियंका के साथ अच्छे संबंध हैं. हालांकि बाद में राहुल गांधी ने अलग विचारधारा की बात कहकर मामला शांत कर दिया. मेनका गांधी ने तो अब अपनी गेंद बीजेपी के पाले में डाल दी है, लेकिन वरुण गांधी का अगला कदम क्या होगा इस पर फिलहाल संशय है. देखना होगा कि बीजेपी दोनों को लेकर क्या फैसला लेती है.  


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