UP Politics: राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में चुनाव के नतीजे आने के बाद भी फायर ब्रांड नेता बीजेपी सांसद वरुण गांधी का अपनी सरकार की नीतियों व योजनाओं के खिलाफ तेवर जरा भी बदला नजर नहीं आया. दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपने अंदाज में जनता को संबोधित करते हुए अपनी ही सरकार की नीति पर सवाल उठाया है.


बीजेपी सांसद वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे, जहां उन्होंने दो दर्जन से अधिक गांव में जनसभा की. इस दौरान वह अपनी चिर-परिचित अंदाज में अपनी पार्टी की सरकार पर सवाल उठाते नजर आए. उन्होंने कहा कि तेरी मोहब्बत में हो गए फना, मांगी थी नौकरी, मिला आटा, दाल, चना. उन्होंने कहा कि वह राजनीति में अपने फायदे के लिए नहीं बल्कि जनता के बेरोजगारी, शिक्षा, भर्ती में पेपर लीक जैसे मुद्दों पर जनता की जरूरत को समझने व उनका हक दिलाने के लिए आए हैं.


सरकारी योजनाओं को चैलेंज करते दिखे वरुण गांधी


अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचे वरुण गांधी ने सभा में आए लोगों को हाथ जोड़कर धन्यवाद किया. इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार के योजनाओं व नीतियों को चैलेंज करते हुए कहा कि यूपी के बुंदेलखंड के एक किसान ने अपने ढाई लाख रुपये का लोन चुकाने के लिए शरीर के अंगों को बेच दिया और दूसरी ओर देश की सबसे बड़ी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 10 सबसे बड़े उद्योगपतियों के 1,70,000 करोड़ रुपये के लोन माफ कर दिए.


गुलामी की जिंदगी जीने को मजबूर हो रहे लोग


उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार इस देश में दो हिंदुस्तान क्यों हैं, अगर हम आम इंसान के संघर्ष को लेकर ऐसी राजनीति में मौन हो जाएंगे तो लोकतंत्र भी आने वाले दिनों में मौन की तरफ बढ़ जाएगा. आज देश ऐसा लगता है मानों जैसे गुलामी की जिंदगी जी रहा है. जब देश आजाद हुआ था, उस समय लोगों ने यह सोचा था कि किसी व्यक्ति को किसी के आगे झुकना ना पड़ेगा, लेकिन इस शासन काल में एक गरीब सामाजिक व्यक्ति को अपने ही काम के लिए अपने बालक की उम्र के अफसर के आगे जी हजूर कर झुकना पड़ रहा है.


राष्ट्र हित की राजनीति करने का लिया है संकल्प


वरुण गांधी ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, वह जो मुद्दे उठाते हैं वह जनता के सरोकार और उनकी जीविका से जुड़े होते हैं, फिर चाहे बेरोजगारी का मुद्दा हो या नौजवानों के लिए संविदा पर रोजगार की व्यवस्था का. इन सभी पर वह लगातार आवाज उठाते रहे हैं और जनता के हक के लिए मुद्दों की बात उठाते रहेंगे. उनका कहना है कि उनकी राजनीति समझौते की नहीं बल्कि बल्कि राष्ट्र हित में लिए गए संकल्प की है.


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