Gita Press: फिर से बीजेपी की पिच पर वरुण गांधी, गीता प्रेस मामले में आलोचकों को दिया मुंहतोड़ जवाब
Varun Gandhi on Gita Press: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने का विरोध किया है, उन्होंने कहा गीता प्रेस को पुरस्कार देना वैसे ही है जैसे सावरकर और गोडसे को देना है.
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UP News: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से बीजेपी के लोक सभा सांसद वरुण गांधी ने गीता प्रेस गोरखपुर को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने का समर्थन करते हुए कहा है कि गीताप्रेस सिर्फ एक प्रकाशक नहीं, एक संपूर्ण आंदोलन है. वरुण गांधी ने एक दूसरे की आस्था के परस्पर सम्मान को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की पहचान बताते हुए गीता प्रेस की आलोचना करने वालों पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए यह भी जोड़ा कि अकारण आलोचना नकारात्मकता का आधार बनती है.
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा, गीताप्रेस सिर्फ एक प्रकाशक नहीं, एक संपूर्ण आंदोलन है. जिसने गरीब से गरीब परिवार को उनके धर्म से उच्चस्तरीय भाषा में लिखी त्रुटिहीन पुस्तकों के माध्यम से जोड़ा. अकारण आलोचना नकारात्मकता का आधार बनती है.
एक जमाने में वरुण गांधी को बीजेपी में हिंदुत्व का फायर ब्रांड नेता कहा जाने लगा था, लेकिन किसान आंदोलन और अन्य कई विषयों पर वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार से अलग लाइन लेकर कई तरह के सवालों को खड़ा कर दिया था. राजनीतिक गलियारे में लगातार यह सवाल उठने लगा था कि क्या बीजेपी और वरुण गांधी का रिश्ता अब कुछ ही दिनों का बचा है. लेकिन गीता प्रेस मामले में सरकार के साथ खड़े होकर वरुण गांधी ने अपनी तरफ से स्पष्ट तौर पर एक राजनीतिक संदेश दे दिया है.
बता दें कि हाल ही में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने का विरोध करते हुए एक ट्वीट किया है, जिसका जमकर विरोध हो रहा है. जयराम रमेश ने कहा कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देना वैसे ही है जैसे सावरकर और गोडसे को देना है. वहीं गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार के विरोध में जयराम रमेश के ट्वीट से कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता नाराज हैं. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो गीता प्रेस को लेकर जयराम रमेश का बयान गैर जरूरी है. हिंदू धर्म के प्रचार प्रसार में गीता प्रेस की बड़ी भूमिका रही है. जयराम रमेश को ऐसा बयान देने से पहले अंदरूनी चर्चा करनी चाहिए थी.
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