BJP MP Virendra Singh Mast on Farm Laws: नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों (Farmers) के व्यापक आंदोलन के बीच बीजेपी (BJP) सांसद और पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह मस्त (Virendra Singh Mast) ने कहा है कि सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेगी. बलिया से सांसद मस्त ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा है कि सरकार नये कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी और इन कानूनों को वापस लेने के लिए नहीं बनाया गया है. उन्होंने सवाल किया है कि संसद में बना कानून अगर सड़क पर आंदोलन करके वापस हो जाएगा तो संसद (Parliament) की क्या प्रतिष्ठा रह जाएगी.
हालांकि बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि सरकार किसानों और कृषि के हित में किसी भी तरह के सुझाव का स्वागत करेगी, वह स्वयं किसान हैं व किसानों और कृषि के हित में पहल करने के लिए तैयार हैं. मस्त का यह बयान ऐसे समय आया है जब नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल दिसंबर से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में महापंचायत का आयोजन करके नए कानूनों को वापस लेने की मांग और बुलंद की थी.
मस्त ने विपक्षी पार्टियों को दी ये नसीहत
मस्त ने कांग्रेस, सपा, बसपा और राष्ट्रीय लोकदल को नसीहत देते हुए कहा कि इन पार्टियों को सामने आकर अपने बैनर तले किसान आंदोलन करना चाहिए. बीजेपी नेता ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन भविष्य के किसान आंदोलनों पर सवाल खड़ा करने के साथ ही भरोसे का संकट पैदा करेगा.
वहीं दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि जब तक तीन कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी तब तक हम ना ही धरना स्थल छोड़ेंगे और ना ही आंदोलन छोड़ेंगे. टिकैत ने दावा किया है कि मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत बेहद सफल रही. उन्होंने कहा कि सड़कों पर 21 किमी तक लोगों का हुजूम था. किसान महापंचायत में 20 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए. सड़कें ब्लॉक होने के कारण स्थानीय लोग इसमें शामिल नहीं हो सके. टिकैत ने कहा कि भीड़ लोकतंत्र का हथियार है.
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