JP Nadda UP Visit: 7 और 8 अगस्त को यूपी का दौरा करेंगे जेपी नड्डा, चुनावी रणनीति पर होगा मंथन
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 7 और 8 अगस्त को उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे. चुनाव के लिहाज से जेपी नड्डा का यूपी दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
JP Nadda UP Visit: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की तैयारियां जारी हैं. पार्टी की तैयारियों को लेकर राज्य नेतृत्व के साथ बैठक करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 7 और 8 अगस्त को उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे. पार्टी अध्यक्ष के यूपी दौरे को लेकर बीजेपी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने तैयारी शुरू कर दी है. चुनाव के लिहाज से जेपी नड्डा का यूपी दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
खास रणनीति पर हो सकती है चर्चा
2022 का सियासी संग्राम जीतने के लिए बीजेपी ने इस बार एक रणनीति बनाई है. पार्टी का फोकस 60 से ज्यादा उन सीटों पर है जहां पार्टी आज तक कभी भी विधानसभा का चुनाव ही नहीं जीती है. इन सीटों पर पार्टी ने जीत की जिम्मेदारी अपने एमएलसी, राज्यसभा सांसदों, बोर्ड और निगम के अध्यक्षों और पार्टी के पदाधिकारियों को सौंपी है. माना जा रहा है कि बैठक में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इस विषय पर भी पदाधिकारियों दिशा-निर्देश दे सकते हैं.
Bharatiya Janata Party National President JP Nadda to visit Uttar Pradesh on 7th & 8th August, to hold meeting with state leadership
— ANI UP (@ANINewsUP) August 3, 2021
(file photo) pic.twitter.com/erayKuUJFC
हारी हुई सीटों पर है फोकस
बता दें कि, साल 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहली बार ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए 312 सीटों पर विजय हासिल की थी. उस वक्त अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बीजेपी 325 सीटों पर काबिज हुई, लेकिन इस आंधी में भी लगभग 80 सीटें ऐसी थी जिनपर ना तो बीजेपी और ना ही उसके सहयोगी जीत पाए, यहां विपक्षी पार्टियों को जीत मिली थी. अब जब विधानसभा चुनाव बेहद करीब है तो पार्टी इस रणनीति में जुटी है कि कैसे इस बार भी 300 सीटों पर कमल खिलाया जाए, इनमें खास फोकस उस वक्त हारी हुई लगभग 80 सीटों पर है, जहां 2017 में पार्टी को जीत हासिल नहीं हुई थी.
दिलचस्प होगा मुकाबला
2022 के विधानसभा चुनाव में जुटी सत्ताधारी बीजेपी की कोशिश यही है कि इस बार सरकार के कामकाज के जरिए उन सीटों पर भी जीत हासिल की जाए जहां अब तक पार्टी को कभी भी जीत नहीं मिली है. इसीलिए वहां पार्टी ने अलग रणनीति के तहत प्रभारी भी नियुक्त किए हैं. इन सीटों की जिम्मेदारी इन्हीं प्रभारियों के कंधों पर है. हालांकि, इनमें से ज्यादातर सीटें विपक्षी दलों की परंपरागत सीट मानी जाती रही हैं और ऐसे में उनके इस अभेद्य दुर्ग को बीजेपी कैसे फतह करेगी ये देखना काफी दिलचस्प होगा.
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