UP News: बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चुनावी मैदान में उतरने के लिए हर दिन अपनी नई रणनीति तैयार कर रही है. इसी बीच बीजेपी ने अनसूचित जाति के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है. बीजेपी के इस प्लान से बसपा सुप्रीमो मायावती के होश उड़ सकते हैं. बीजेपी अनसूचित जाति में अपनी पैठ मजबूत करने के लिए पार्टी के स्थापना दिवस यानी 6 अप्रैल से बाबा साहब की जयंती 14 अप्रैल तक 'सामाजिक न्याय सप्ताह' के रूप में मना रही है. वहीं बीजेपी के लिए यह प्लान यूपी निकाय चुनाव में भी काफी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में अनसूचित जाति के वोट बैंक का भी आकलन देखने को मिल सकता है.
कांशीराम की विरासत के लिए छिड़ी हुई है जंग
यूपी में साल 2022 के चुनाव में बसपा को महज एक सीट मिली थी. तभी से सभी दल अनसूचित जाति के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए नई-नई रणनीति बना रहे हैं. क्योंकि इस समय यूपी में अनसूचित जाति के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी शुरुआत कर दी है. हाल ही में अखिलेश यादव ने कांशीराम की मूर्ति का अनावरण कर मिशन कांशीराम की शुरूआत कर दी हैं. इसके साथ ही कांग्रेस ने अनसूचित जाति के वोट बैंक को साधने के लिए प्रदेश का नेतृत्व उसी समाज के नेता बृजलाल खाबरी को दी है. अब कांशीराम की विरासत के लिए यूपी में सभी दलों में जंग छिड़ी हुई है.
बीजेपी की योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं
वहीं बीजेपी ने बताया कि पार्टी ने आज पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर बूथों पर पार्टी का ध्वज फहराकर ‘सामाजिक न्याय सप्ताह’ का शुरुआत की है. इसके साथ ही यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बीजेपी के स्थापना दिवस के मौके पर कहा है कि पार्टी कार्यकर्ता पूरा सप्ताह सामाजिक न्याय सप्ताह के रूप में मनाएंगे. भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी आज सभी वर्गों के बीच पहुंच रही हैं और बीजेपी की योजनाओं में कोई भेदभाव नहीं है.
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