लखनऊ: उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है. कैबिनेट ने पंचायत चुनाव आरक्षण को लेकर बदली नियमावली को मंजूरी दे दी है और आरक्षण को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. वहीं बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी है. जहां पार्टी ने पंचायत चुनाव के लिए पूरे प्रदेश में एक टोली बनाई है, तो वहीं लखनऊ में बीजेपी मुख्यालय पर इन पंचायत चुनाव को लेकर वॉर रूम भी बनाए गए हैं.


जब 2014 के लोकसभा चुनाव हो रहे थे तब भी बीजेपी मुख्यालय में एक वॉर रूम बनाया गया था. पार्टी के कार्यकर्ता यहां दिन-रात वोटों के संपर्क में रहते थे और उसका नतीजा यह हुआ कि बीजेपी सत्ता में आई. फिर यही कांसेप्ट 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने अपनाया और फिर उत्तर प्रदेश में बीजेपी सत्ता पर काबिज हो गई. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इस स्वरूप में बीजेपी को 60 से ज्यादा सीटें हासिल कराने में मदद की. अब एक बार फिर बीजेपी जब पहली बार पंचायत चुनाव में जोर-शोर से उतरने की तैयारी कर रही है तो उसने पार्टी मुख्यालय पर इन पंचायत चुनाव के लिए विशेष तौर से रूम को तैयार किया है जहां पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता दिन-रात ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत से जुड़ी हर एक समस्या को सुन रहे हैं और पार्टी के पदाधिकारी उसे दूर कर रहे हैं.


बीजेपी ने यूपी को 6 क्षेत्रों में बांटा हुआ है


दरअसल, बीजेपी ने यूपी को 6 क्षेत्रों में बांटा हुआ है. इनमें अवध क्षेत्र, काशी क्षेत्र, ब्रज क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र, कानपुर क्षेत्र और गोरखपुर क्षेत्र शामिल हैं. लखनऊ मुख्यालय में पंचायत चुनाव के लिए जो वॉर रूम बनाए गए हैं उनमें हर एक वार रूम में 2 क्षेत्र का काम किया जा रहा है. यहां पार्टी के कार्यकर्ता हर वक्त उस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और उसके प्रभारियों के संपर्क में रहते हैं. उनकी हर एक समस्या को सुनते हैं, चाहे वो वोटर लिस्ट से जुड़ी समस्या हो या फिर बूथ से जुड़ी समस्या और फिर उन सारी समस्याओं को प्रभारियों को बताते हैं और प्रभारी उनका समाधान निकालते हैं. साथ ही साथ हर क्षेत्र में आने वाली ग्राम सभाओं की संख्या, वहां की कुल आबादी, अलग-अलग वर्ग के लोगों की वहां कुल आबादी, इस तरह के डाटा लगातार इकट्ठा किये जा रहे हैं.


बीजेपी ने इन पंचायत चुनाव के लिए 6 क्षेत्रों में प्रदेश के 6 पदाधिकारियों को लगाया है. वहीं हर एक क्षेत्र में सरकार के एक-एक मंत्री को जिम्मेदारी दी गई है और 6 प्रभारी भी इन क्षेत्रों में नियुक्त किए गए हैं. इसके अलावा इन पंचायत चुनाव को कोऑर्डिनेट करने के लिए एक कोऑर्डिनेटर को भी तैनात किया गया है. पंचायत चुनाव की जिम्मेदारी बीजेपी के एमएलसी विजय बहादुर पाठक को सौंपी गई है. उनका साफ तौर पर कहना है कि बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो 24*7 काम करती है. इसीलिए पंचायत चुनाव के लिए भी पार्टी ने कार्यकर्ताओं तो यह काम सौंपा हुआ है. उनका साफ तौर पर कहना है कि 2014, 2017 और 2019 के चुनाव में भी पार्टी ने वॉर रूम बनाए थे और पंचायत चुनाव में भी वॉर रूम के जरिए पार्टी की कोशिश है कि प्रदेश में पंचायत चुनाव से जुड़ी हर एक जानकारी इकट्ठा कर ली जाए और उसी के आधार पर इन चुनाव की तैयारी में पार्टी जुटी है.


पहली बार पंचायत चुनाव के लिए बीजेपी ने वार रूम तैयार किये


पंचायत चुनाव में बीजेपी जोर-शोर से जुटी है और यह पहला मौका है जब पंचायत चुनाव के लिए पार्टी ने वार रूम तैयार किये हैं. जाहिर है वॉर रूम का फायदा बीजेपी को पता है और इसीलिए अब पंचायत जैसे चुनाव में भी वॉर रूम के सहारे बीजेपी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सन्देश देने में जुटी है.


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