लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपनी जोर आजमाइश कर रही है. पार्टी पंचायत चुनाव को सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देख रही है. यही वजह है कि पहले जिला पंचायत को लेकर पार्टी ने वार्ड की बैठकें की और अब उसके बाद कल से प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम चौपाल या कहें ग्राम संपर्क अभियान की शुरुआत करने जा रही है. जिसमें सरकार के मंत्री-सांसद-विधायक पार्टी के बड़े पदाधिकारी गांव-गांव जाकर चौपाल लगाएंगे.


बीजेपी के बड़े नेता हमेशा इस बात को कहते हैं कि पार्टी हर वक्त चुनाव के मूड में रहती है. फिर चाहे वह ग्राम प्रधानी का चुनाव हो, विधायक का चुनाव हो या फिर सांसद का चुनाव. पार्टी हर वक्त तैयार रहती है. इस बार उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर पार्टी जोर-शोर से जुटी हुई है. बीजेपी की कोशिश है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले इन पंचायत चुनाव में भी ज्यादा से ज्यादा सीटें वह जीते जिससे चुनाव से पहले जनता के बीच पार्टी के पक्ष में संदेश जाए. इन पंचायत चुनाव में बीजेपी जोर शोर से जुटी हुई है. पहले पार्टी ने प्रदेश के 3051 जिला पंचायत वार्ड में बैठकें की और उसके बाद अब 11 मार्च से पार्टी की ग्राम सभा स्तर पर ग्राम चौपालों की शुरुआत हो रही है. पार्टी ने इसे नाम दिया है ग्राम संपर्क अभियान. उत्तर प्रदेश में कुल 58194 ग्राम पंचायतें हैं और इन सभी जगह पर बीजेपी ग्राम चौपाल लगाएगी.


ग्राम संपर्क अभियान 11 मार्च से शुरू होकर 18 मार्च तक पूरे प्रदेश में चलेगा. इसमें पार्टी के बड़े पदाधिकारियों के साथ-साथ सांसद विधायक तो चौपाल लगाएंगे ही, सरकार के मंत्रियों को भी गांव में चौपाल लगाने की ड्यूटी दी गई है. ग्राम चौपालों में पार्टी ने कुछ बिंदु तय किए हैं जिन पर चर्चा पार्टी के लोग चर्चा करेंगे. इसमें सरकार की योजनाओं को लेकर अभियान चलाने को कहा गया है. साथ ही साथ गांव में शौचालय, उज्जवला योजना, प्राथमिक विद्यालयों का सुंदरीकरण, किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत योजना पर चर्चा होगी. तो कोरोना काल में पार्टी की तरफ से किए गए कार्यों खासकर राशन वितरण मनरेगा के तहत किए गए काम की भी चर्चा होगी.


पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश में सियासी दलों के लिए काफी अहम


राज्य और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं सामूहिक विवाह वृद्धावस्था पेंशन आदि पर इन चौपाल में मंत्री विधायक-सांसद चर्चा करेंगे. साथ ही बीजेपी ने यह साफ तौर पर कहा है कि कार्यक्रम को किसी सार्वजनिक स्थल पर ही किया जाए ना की किसी के दरवाजे पर. वहीं गांव में वरिष्ठ लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा. उस ग्राम पंचायत की प्रमुख समस्या क्या है उस पर भी चर्चा होगी और चौपाल के बाद चाहे मंत्री हो, विधायक और सांसद हो सभी को उस गांव का भ्रमण भी करना है.


जाहिर है 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले यह पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश में सियासी दलों के लिए काफी अहम हो जाते हैं. इसीलिए सत्ताधारी बीजेपी इसमें जोर-शोर से जुटी है. वहीं 15 मार्च को राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक भी होनी है. जिसमें इन पंचायत चुनाव पर खासतौर से चर्चा भी होगी.


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