Basti News: भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और बीजेपी नेता राकेश त्रिपाठी बुधवार को बस्ती जनपद में मंडलीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित करने पहुंचे. जहां उन्होंने बीजेपी के मंडल मीडिया प्रभारियों के साथ एक बैठक कर उन्हें सरकार की चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं को जनता के बीच कैसे समन्वय बैठाकर पहुंचाना है, इस पर चर्चा की.


बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ढाई करोड़ लोग भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं, संगठनात्मक ढांचा, 84 सांसद, कई जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष, 300 से अधिक विधायकों की फौज है. जिन्हें सरकार की उपलब्धियां को आम जनता तक पहुंचाना है. जिसके लिए यूपी के 18 मंडलों पर पहली बार मीडिया प्रभारी का गठन किया जा रहा है, जो सरकार के कामों को मीडिया के माध्यम से जनता के बीच लेकर जाएंगे.


"हले जातियों के आधार पर अधिकारियों के पोस्टिंग होते थे "


सवालों का जवाब देते हुए राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पिछली सरकारों में ब्यूरोक्रेसी पूरी तरीके से बेलगाम थी और अधिकारी पार्टी विशेष के लिए काम करते थे. इससे पहले यूपी में सपा और बसपा की सरकार में ब्यूरोक्रेसी का राजनीतिकरण हो जाता है लेकिन योगी सरकार में ब्यूरोक्रेट्स जनता के हित के लिए काम कर रहे है. पहले जातियों के आधार पर अधिकारियों के पोस्टिंग होते थे जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था लेकिन अब सबकुछ बदल गया है.


लखीमपुर कांड को लेकर राकेश त्रिपाठी ने कहा की कुछ राजनीतिक दलों ने सरकार कि छवि को बदनाम करने के लिए घटनाक्रम को दूसरे तरीके से पेश किया. सरकार लखीमपुर कांड को लेकर बेहद गंभीर है और निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए एक एसआईटी का गठन कर दिया है जो दूध का दूध और पानी का पानी कर देगा. उन्होंने दावा किया कि इस घटना के किसी भी दोषी को सरकार छोड़ने वाली नहीं है, और दोषी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर राकेश त्रिपाठी ने कहा कि ये लोग मौके पर जाकर अपनी राजनीति की रोटी सेंकने चाहते हैं, लेकिन सरकार उन्हें सियासी पर्यटन करने की इजाजत बिलकुल नहीं देगी.


उनका कहना है कि अब माहौल थोड़ा सामान्य है जिसके बाद किसी भी नेता को सीमित संख्या और प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए, पीड़ित परिवारों से मिलने की इजाजत दी जा रही है. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी ने एनसीआरबी की रिपोर्ट शायद नहीं पढ़ी है, वे कांग्रेस शासित राज्य पर बोलने से बचते हैं, यूपी में पिछली सरकारों में बड़े अपराध पर राहुल कुछ नहीं बोलते, इसलिए अब राहुल गांधी के बयानों को लेकर ना तो सरकार गंभीर होती है और न ही जनता गंभीर दिखती है.


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