Kanpur Today News: उपचुनाव के रण में राजनीति के युद्ध की तैयारी शुरू हो गई है. हालांकि उपचुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है, लेकिन उपचुनाव के अलग अलग रणभूमि में राजनीति के दिग्गज और राजनीतिक दल अपनी अपनी बिसात समय से पहले ही बिछाने में जुट गए हैं. राजनीतिक दल अपनी जीत का दम भर रहे हैं और जीत हासिल करने को लेकर सियासी समीकरण साधने लगे हैं, जिसके चलते कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव के बादल मंडरा रहे हैं.


क्योंकि पिछले 6 बार से ये सीट सपा के पाले में है. ऐसे में विपक्ष का किला भेदने के लिए बीजेपी हर संभव समीकरण पर अपनी नजर बनाए हुए है. वहीं अभी से शहर में अलग अलग वर्गों को साधने का काम शुरू हो गया है, जिसके चलते प्रदेश सरकार के दिग्गज मंत्रियों से लेकर शहर के तमाम बीजेपी नेताओं ने चाणक्य नीति पर काम करना शुरू कर दिया है और अपनी अपनी जमीन मजबूत कर रहे हैं ताकि उपचुनाव के दौरान उनसे कोई चूक न हो जाए.


सीसामऊ सीट पर अब तक सपा का रहा है कब्जा 


कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट जिसपर सपा का कब्जा लंबे समय से है और इस सीट पर सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी काबिज हैं, लेकिन कानपुर में साल 2022 में हुए एक जमीन पर आगजनी के मुकदमे में विधायक इरफान सोलंकी की पृष्ठभूमि को जला दिया और उन्हें कानूनी पचड़े में फंसाकर 7 साल की कैद करा दी, जिसके बाद से इस सीट पर उपचुनाव होना लगभग तय माना जा रहा है.


कोर्ट पर टिकी सबकी निगाहें


हालांकि इरफान का परिवार और उनके वकील हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक इस बात की पैरवी में लगे हैं कि उनकी सात साल की सजा पर यूं ही राहत कोर्ट से मिल जाए, जिससे उनकी विधायकी बच जाए, लेकिन न तो अभी न्यायालय से राहत मिली और न ही अभी उपचुनाव की तारीख का ऐलान हुआ है, लेकिन सत्ता दल बीजेपी इस सीट पर उपचुनाव होने को लेकर तैयारी में जुट गई है और इस सीट को किसी भी तरह अपने खेमे में करना चाहती है.


बीजेपी की रणनीति हुई शुरू


बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने शहर के अलग अलग वर्ग को साधने का काम शुरू कर दिया है, जिसके चलते प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना और नितिन अग्रवाल ने शहर के मुस्लिम, दलित, वैश्य और व्यापारियों संग सिंधी पंजाबी वर्ग के साथ बैठक शुरू कर दी है. शहर के अलग अलग हिस्सों में ये बैठक शुरू की जा रही है और लोगों को इस बात की लिए तैयार किया जा रहा है कि उनकी पार्टी उनके साथ खड़ी है और उन्हें किस तरह से इस पार्टी में लाभ मिलेगा.


सपा भी तैयारी में जुटी 


सपा भी इस सीट पर अपनी तैयारी में जुटी है. अगर इरफान सोलंकी को न्यायालय से राहत नहीं मिलती तो सपा इस सीट पर विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है. अखिलेश यादव ने कानपुर के सपा जिलाध्यक्ष को इसकी मंजूरी भी दे दी है.


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