लखनऊ. यूपी में हुए पंचायत चुनाव में जिला पंचायत वार्ड के ज्यादातर सीटों के नतीजे आ चुके हैं. पंचायत चुनाव के नतीजे सत्ताधारी दल बीजेपी के लिए अच्छे नहीं हैं. वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी सपा को इन चुनावों से विधानसभा के रण के लिए संजीवनी मिलती दिख रही है. जिला पंचायत वार्ड के नतीजों में सपा बीजेपी पर भारी साबित हुई है. सपा उम्मीदवार 747 सीटों पर अपना कब्जा जमा चुके हैं. वहीं, बीजेपी सिर्फ 666 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. ट्रेंड के मुताबिक, बसपा 322 और कांग्रेस 77 जिला पंचायत वार्ड पर आगे चल रही है.
वहीं, निर्दलीयों ने चौंकाते हुए 1238 सीटों पर विजकी पताका फहराया है. यही वजह है कि बीजेपी ग्रामीण स्थानीय निकाय में अपने नियंत्रण के लिए निर्दलीयों के साथ हाथ मिलाने की कोशिश कर रही है. एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी निर्दलीयों के साथ बातचीत की कोशिश कर रही है जिससे वो जिला पंचायत अध्यक्ष के ज्यादातर पदों पर काबिज हो सके. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी निर्दलीयों के संपर्क में है. इनमें पार्टी से विद्रोह करने वाले उम्मीदवार भी शामिल हैं.
इसको लेकर यूपी बीजेपी उपाध्यक्ष और पंचायत चुनाव में प्रभारी विजय बहादुर पाठक कहते हैं, "पंचायत चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार अधिक प्रभावशाली होते हैं जो किसी भी राजनीतिक दल के समर्थन के बिना चुनाव लड़ते हैं. यही वजह है कि निर्दलीय सबसे ज्यादा सीटें जीतने वालों में निर्दलीय उम्मीदवार हैं. हमने अपने पार्टी के पदाधिकारियों को जमीनी स्तर पर नेतृत्व करने के लिए मैदान में उतारा, जो किसी भी राजनीतिक दल के लिए महत्वपूर्ण है." हालांकि, उन्होंने निर्दलीयों के साथ बातचीत पर टिप्पणी से इनकार कर दिया. राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि बीजेपी को सत्तारूढ़ पार्टी होने का लाभ मिलेगा. बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों पर जीत के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन लेगी.
फेल रही बीजेपी की रणनीति
कई इलाकों में बीजेपी की रणनीति फेल रही. मैनपुरी में बीजेपी ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव को मैदान में उतारा था, लेकिन वो कमल नहीं खिला सकी. संध्या को सपा उम्मीदवार प्रमोद यादव से हार मिली. यहां सपा ने 12 सीटें जीती, बीजेपी के खाते में 8 सीटें आई. कांग्रेस को 1 और निर्दलीयों को 9 सीटें मिली. अलीगढ़ में निर्दलीय सभी दलों पर भारी साबित हुए. 47 में से 21 सीटें निर्दलीयों ने जीती. वहीं, बीजेपी ने 9 और सपा सिर्फ सात सीटें जीत सकी.
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