UP Politics: लखनऊ में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मचे सियासी हाहाकार के बाद बीजेपी के काशी प्रांत की बैठक आज संगम नगरी प्रयागराज में हुई. इस बैठक में काशी प्रांत के 16 जिलों और 14 लोकसभा सीटों के पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में मुख्य रूप से लोकसभा चुनाव में प्रांत में पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन पर विस्तार से चर्चा की गई और साथ ही उपेक्षा का आरोप लगाने वाले कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की गई.


बैठक में कार्यकर्ताओं को बताया गया कि विपक्ष ने वोटरों को बड़े पैमाने पर गुमराह कर दिया था, लेकिन कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से ही पार्टी यूपी में तकरीबन पैंतालीस फीसदी सीटें जीतने में कामयाब हुई. पिछले कुछ दिनों से खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे कार्यकर्ताओं को यह भरोसा दिलाया गया कि पार्टी की पहचान और ताकत उनसे ही है. उनके बिना पार्टी कुछ भी नहीं है.


कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई की गई


बैठक में मौजूद बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं को देवतुल्य बताया और यह संदेश देने की कोशिश की कि उनका उचित सम्मान ही पार्टी की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. कार्यकर्ताओं को यह भी बताया गया कि अधिकारी सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कानून के मुताबिक ही काम कर रहे हैं. अधिकारी सूबे में कानून का राज स्थापित करने में लगे हुए हैं.


हालांकि सरकार से और बेहतर समन्वय कर नौकरशाही को कार्यकर्ताओं की उचित सलाह सुनने को भी कहा जाएगा. बैठक में हार के कारणों की भी समीक्षा की गई. हालांकि ज्यादातर नेताओं और पदाधिकारियो ने कार्यकर्ताओं और अफसरों का बचाव करते हुए हार का ठीकरा विपक्ष के सिर फोड़ा. कहा गया कि विपक्ष ने संविधान और आरक्षण को लेकर जो दुष्प्रचार किया, उससे कुछ वोटर गुमराह हो गए. 


कांग्रेस-सपा को घेरने की तैयारी 


काशी प्रांत की इस बैठक में यह संकल्प भी लिया गया कि मजबूत रणनीति और कार्यकर्ताओं की मेहनत के बल पर पार्टी उत्तर प्रदेश में जल्द ही 10 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा के उपचुनाव में एक तरफा जीत हासिल कर विपक्ष को करारा जवाब देने का काम करेगी. काशी प्रांत की यह बैठक प्रयागराज में उस फूलपुर विधानसभा सीट पर हुई, जल्द ही विधानसभा का उपचुनाव होना है. फूलपुर के साथ ही बगल के मिर्जापुर जिले की मझवा सीट पर भी उपचुनाव होगा.


बैठक में शामिल नहीं हुए केशव प्रसाद मौर्य


बैठक की अध्यक्षता काशी प्रांत के अध्यक्ष दिलीप पटेल ने की, जबकि मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यसभा सांसद अमरपाल मौर्य मौजूद थे. बैठक को सांसद प्रवीण पटेल समेत कई अन्य नेताओं ने संबोधित किया. इस बैठक में सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी शामिल होना था, लेकिन आज सुबह अचानक उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया.


हालांकि केशव प्रसाद मौर्य का कार्यक्रम रद्द होने पर भी सियासी अटकलों का बाजार गर्म है. केशव प्रसाद मौर्य ने ही रविवार को लखनऊ में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में संगठन को सरकार से ज्यादा अहम बताते हुए कार्यकर्ताओं का दिल जीतने का काम किया था. आज की बैठक में एक सौ साठ प्रतिनिधि शामिल हुए.


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