UP News: साक्षी मलिक ने गुरुवार को बृज भूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह के WFI के अध्यक्ष पद के चुनाव में जीत का विरोध करते हुए अपने कुश्ती के जूते टेबल पर रखे और कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की. उनके द्वारा संन्यास का एलान करते ही सियासी बयानबाजी तेज हो गई. अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया आई है. 


अयोध्या में राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा, 'पहलवान है खेल से विदा नहीं होना चाहिए. जब तक उम्र है खेलना चाहिए और हताश नहीं होना चाहिए. खिलाड़ियों को लगा कि हमें न्याय नहीं मिला, इसलिए हताश होकर इस तरह का कदम उठाया है.' उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने वालों को जवाब देते हुए कहा, 'उपराष्ट्रपति पद को राजनीति में नहीं लाना चाहिए. एक पद से पुरी जाती का वोट नहीं मिलता है.'


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संजय सिंह ने जीता चुनाव
गौरतलब है कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की. इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवान मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को काफी निराशा हुई जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था.


टेबल पर अपने जूते रखकर साक्षी ने नाटकीय अंदाज में संन्यास की घोषणा की.साक्षी की आंखों में आंसू थे, उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी लेकिन बृजभूषण जैसा आदमी, उसका बिजनेस साझीदार और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं.आज के बाद आप मुझे मैट पर नहीं देखोगे.’’


साक्षी के 13 साल के करियर का आकर्षण 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतना रहा, उन्होंने अपने करियर में राष्ट्रमंडल खेलों में तीन पदक जीते जिसमें 2022 चरण का स्वर्ण पदक शामिल है. इसके अलावा उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में भी चार पदक अपने नाम किये. वह ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं.