UP News: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत मुश्किल में पड़ सकते हैं. उनकी मुश्किल बढ़ सकती हैं, क्योंकि राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. कोर्ट ने प्रार्थना पत्र के बाद थाना पुलिस से जवाब भी तलब कर लिया है. अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर नियत की गई तारीख पर क्या हो सकता है. फिलहाल ये मामला सुर्खियां बना हुआ है.


भारत में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा होने का बयान देना राकेश टिकैत के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. भारतीय किसान यूनियन अटल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित चौधरी ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. कभी वो मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने गए तो कभी मेरठ और कभी आगरा में भी राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को अधिकारियों से मिले, लेकिन कहीं भी बात नहीं बनी. आखिरकार कोई रास्ता ना मिलता देख भारतीय किसान यूनियन अटल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित चौधरी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र दिया है.


कोर्ट ने पुलिस से किया जवाब तलब


भारतीय किसान यूनियन अटल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित चौधरी ने मेरठ में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम का दरवाजा खटखटाया है और 173/4 में कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है. कोर्ट ने प्रार्थना पत्र पर सिविल लाइन थाने से रिपोर्ट तलब की है और सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तारीख नियत कर दी है. अमित चौधरी के अधिवक्ता पीतम सिंह ने बताया कि राकेश टिकैत के बयान की वीडियो, अखबारों में छपी खबरे व अन्य सुबूत भी प्रार्थनापत्र के साथ दिए गए हैं. अधिवक्ता पीतम सिंह ने दावा किया है कोर्ट ने प्रार्थना पत्र पर सिविल लाइन पुलिस से जवाब तलब किया है और सुनवाई के लिए 27 सितंबर की तारीख नियत की है. बीकेयू अटल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित चौधरी का कहना है कि उन्होंने पुलिस और प्रशासन का कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन राकेश टिकैत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद कोर्ट की शरण में आए हैं.


मेरठ में दिए थे राकेश टिकैत ने कई बयान 


बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत 20 अगस्त को मेरठ में पीवीवीएनएल एमडी ईशा दुहन के ऑफिस पर किसानों की समस्याओं को लेकर वार्ता करने आए थे. मीडिया से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत ने कहा था कि भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात बन रहें हैं. उन्होंने दिल्ली की घटना का जिक्र किया कि हजारों ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंचे किसानों बरगला दिया था और वो लाल किले की तरफ कूच कर गए थे, यही सबसे बड़ी चूक हो गई थी, यदि ये ट्रैक्टर पार्लिमेंट की तरफ कूच कर जाते तो बहुत कुछ बदल जाता. तभी से राकेश टिकैत का ये बयान सुर्खियां बटोर रहा है और उनके खिलाफ भारतीय किसान यूनिटन अटल ने मोर्चा खोल रखा है.


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