Vice President Mimicry Controversy: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री पर बयानबाजी का सिलसिला थमन नहीं रहा है. प्रयागराज पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सधी हुई प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के अपमान को बेवजह जाति से जोड़ा जा रहा है. राकेश टिकैत के मुताबिक उच्च और संवैधानिक पद पर पहुंचनेवाला व्यक्ति जाति से ऊपर उठ जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि संसद का गतिरोध सत्ता पक्ष की ओर से बनाया जा रहा है. किसान नेता ने कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों का कार्टून बनाने या मिमिक्री करने के मामले में कानून काम करेगा.


'राम मंदिर का लोकार्पण और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का राजनीतिक लाभ ने ले BJP'


बीजेपी को सलाह देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि भगवान राम सबके हैं और राजनीति से भगवान राम को दूर रखा जाना चाहिए. राकेश टिकैत ने बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए बयान दे रहे हैं. बता दें कि सुब्रत पाठक ने राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लोकार्पण कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने की अपील की है.


किसान सम्मेलन में केसरिया पगड़ी पहनकर पहुंचने पर राकैश टिकैत ने दी सफाई 


किसानों के सम्मेलन में राकेश टिकैत केसरिया पगड़ी पहनकर पहुंचे थे. उन्होंने सफाई दी कि भगवा या केसरिया रंग बीजेपी का पेटेंट नहीं है. उन्होंने कहा कि रंग पर कोई दावा नहीं कर सकता. भगवा रंग ऋषि मुनियों का है. राकेश टिकैत ने प्रदेश में हो रहे विकास पर निशाना साधा. उन्होंने कहा है कि प्रदेश में नकली विकास हो रहा है. सरकारें दिखावा ज्यादा और काम काम कर रही हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय किसान यूनियन का समर्थन किस पार्टी को प्राप्त होगा. उन्होंने सवाल के जवाब में कहा किसानों का वोट कहां है.


बीजेपी इस बात से इंकार कर रही है कि किसानों ने वोट नहीं दिया. किसानों से पूछे जाने पर जवाब मिलता है कि बीजेपी को ही वोट दिया है. भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव विवाद पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी. बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय अध्यक्ष पद चुनाव में विजेता बनने पर पहलवान साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने विरोध जताया था. साक्षी मलिक ने कुश्ती से सन्यास लेने और बजरंग पूनिया ने पद्ममश्री सम्मान लौटाने की घोषणा की थी. राकेश टिकैत ने कहा कि महिला पहलवानों का आंदोलन 6 महीने तक चला. यौन उत्पीड़न के आरोपी पर कार्रवाई नहीं हुई. कम से कम जांच और कार्रवाई होनी चाहिए थी. हताश और निराश होकर दोनों पहलवानों ने फैसला लिया है. 


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