Bhartiya Kisan Union: उत्तर प्रदेश राज्य सहित कई राज्यों के साथ मिलकर चलने वाला भारतीय किसान यूनियन संगठन लगातार अलग-अलग हिस्सों में बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते पहले भारतीय किसान यूनियन (तोमर) फिर भारतीय किसान यूनियन (भानू) उसके बाद किसान यूनियन और अब भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नाम से एक नए संगठन का गठन हुआ है. वहीं भाकियू अराजनैतिक संगठन के संरक्षक/ चेयरमैन राजेंद्र सिंह मलिक ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन कभी भी सरकार पर दबाव नहीं बना सकती है क्योंकि वह खुद सरकार से बिजली, मिट्टी व रेत खनन ओर सड़क आदि का ठेका लेती है. 


उन्होंने आरोप लगाया कि जो संगठन सरकार से ठेका लेकर चलता है वह कभी भी किसानों के हित के लिए कार्य नहीं कर सकता और ना ही सरकार पर दबाव बना सकता है. दावा किया कि  गौरव टिकैत के पास किसानों के यहां मीटर लगाने वाले व खनन आदि का ठेका रहा है.

किसानों के बनाया नया संगठन- राजेंद्र सिंह
2 दिन पहले भारतीय किसान यूनियन में दो फाड़ हुआ और एक नए संगठन का गठन हुआ. भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के नाम से नया संगठन बनाया गया है. वहीं इस संगठन का उद्देश्य किसानों के हितों की लड़ाई को लड़ना है. जब मीडिया ने नए संगठन भाकियू अराजनैतिक के चेयरमैन/ संरक्षक राजेंद्र सिंह मलिक से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि जो लोग बिजली के मीटर, मिट्टी खनन, रेत खनन और सड़क आदि का ठेका लेते है. वह किसानों के हितों के लिए सरकार पर कभी दबाव नहीं बना सकते हैं.


उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय किसान यूनियन का टिकैत परिवार सरकार का ठेकेदार है क्योंकि बिजली के मीटर लगाने का मामला हो या फिर खनन या सड़क निर्माण का मामला हो. उसमें गौरव के पास खुद ठेका रहा है. अब ऐसे में जब किसानों की बात करने वाले लोग सरकार से ठेका लेंगे तो वह सरकार पर दबाव कैसे बना सकते हैं इसलिए भारतीय किसान यूनियन संगठन से अलग होकर किसानों की आवाज उठाने और मुद्दों को कामयाबी तक पहुंचाने के लिए भाकियू अराजनैतिक संगठन का गठन किया गया है.


केवल किसानों के मुद्दों की लड़ाई लड़ेगा संगठन- भाकियू अराजनैतिक


भाकियू अराजनैतिक के चेयरमैन/ संरक्षक ने आगे कहा कि सरकार किसी की भी हो हम अपने इस संगठन में राजनीति नहीं करेंगे केवल किसानों के मुद्दों की लड़ाई लड़ेंगे. वही भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिला अध्यक्ष जावेद तोमर ने भी भाकियू पर निशाना साधते हुए कहा कि अब किसानों के हितों की लड़ाई के लिए धरना प्रदर्शन होगा, भूख हड़ताल होगी और आंदोलन भी होगा. वहीं किसानों के हित के लिए अगर जान भी देनी पड़े तो उससे भी पीछे नहीं हटेंगे. लेकिन भाकियू की तरह से तयशुदा धरना प्रदर्शन व आंदोलन नहीं होगा, कोई समय रखकर आंदोलन नहीं किया जाएगा. हमारा संगठन किसानों के हितों की लड़ाई को लगातार जारी रखेगा. 


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