UP News: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) का नाम बदलने की मांग कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर किसानों की राजधानी रहा है और यह नाम उसके गौरव को ठेस पहुंचा रहा है. देश की आजादी के सात दशकों से अधिक समय के बाद मुगलों के निशानों को मिटाने के लिए जिले के लिए एक नए नाम की आवश्यकता है.
केंद्रीय मंत्री की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने कहा कि यह बयान राजनीतिक स्टंट के अलावा और कुछ नहीं है. उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और वे लोगों का ध्रुवीकरण करने के लिए इस तरह के मुद्दे उठाते हैं. मुजफ्फरनगर किसानों की राजनीति का केंद्र बिंदु रहा है. यह जिला 2013 में दंगों से हिल गया था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी और 50 हजार से अधिक लोग बेघर हो गए थे.
क्या बोले गिरिराज सिंह?
किसान यूनियन के नेता ने कहा कि दंगों ने क्षेत्र में सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित किया, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसने 2014 के चुनावों में बीजेपी को भारी जीत दिलाने में मदद की थी. दरअसल, बीते दिनों मुजफ्फरनगर में चल रहे कृषि और पशु मेले के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पहुंचे थे. तब उन्होंने अपने संबोधन में कहा था, "क्यों न इस जिले का नाम बदल दिया जाए क्योंकि मैं तो इस जिले का नाम भी नहीं ले सकता."
उन्होंने आगे कहा, "75 साल हो गए यह जिला किसानों की राजधानी है लेकिन अच्छा नहीं लगता इस जिले का नाम किसानों के लिए एक चुनौती हो सकता है. इस जिले से मुगलों के निशानी को मिटाया जाना चाहिए." जिसके बाद राज्य में फिर से बयानबाजी तेज होती नजर आ रही है. बता दें कि इससे पहले यूपी की राजधानी लखनऊ का नाम बदलने की चर्चा थी. जबकि उसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने गाजीपुर जिले का नाम बदलने की मांग रखी थी.